पाकिस्तान को नई दिल्ली के खिलाफ ‘नापाक एजंडा’ चलाने के लिए अपने मंच का इस्तेमाल करने देने के लिए उस पर निशाना साधा। मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र के उच्च स्तरीय खंड में जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव सीमा पूजानी ने ओआइसी प्रतिनिधि द्वारा दिए गए बयान को सिरे से खारिज कर दिया।
पूजानी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘ओआइसी के बयान के संबंध में, हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर के अनुचित संदर्भों को खारिज करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘तथ्य यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू -कश्मीर और लद्दाख का पूरा क्षेत्र भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।’
पूजानी ने कहा, ‘अपने सदस्य पाकिस्तान को आतंकवाद को छोड़ने और भारतीय क्षेत्र पर अपना कब्जा हटाने के लिए कहने के बजाय, ओआइसी ने पाकिस्तान को नई दिल्ली के खिलाफ ‘नापाक एजंडा’ चलाने के वास्ते अपने मंच का इस्तेमाल दिया है।’भारत ने पहले जेद्दा स्थित ओआइसी की भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए उसकी आलोचना की थी। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि ओआइसी पहले ही सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और मुद्दों पर तथ्यात्मक रूप से गलत दृष्टिकोण अपनाकर अपनी विश्वसनीयता खो चुका है।