Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद पीड़ितों के परिजन अभी भी अपने प्रियजनों के शव को तलाश रहे हैं। शवों को एम्स और पांच अन्य केंद्रों पर रखा गया है। शवों को लेने के लिए पीड़ित परिजन डीएनए सैंपल देने के लिए भुवनेश्वर एम्स में इकट्ठा हुए हैं। एक पीड़ित के पिता ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि अस्पताल ने उन्हें अपने बेटे का शव देने से इनकार कर दिया है, क्योंकि उसकी डीएनए रिपोर्ट अभी बाकी है।

पीड़ित पिता ने बताया, ‘मेरे बेटे की ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उसके साथ तीन और लोग थे। दो मिल गए हैं और एक अस्पताल में है। मैंने अपने बेटे के शव की पहचान कर ली है, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसका शव देने से अभी इनकार कर दिया है। मैंने हाथ में बंधे हुए धागे से अपने बेटे की पहचान की है। अस्पताल प्रशासन डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही शव सौपैंगा। मेरे पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं। मैं अपने बेटे का शव अपने साथ ले जाने के लिए आया हूं।’

कई लोग अपना डीएनए सैंपल देने के बाद अपने घरों को लौट गए हैं, क्योंकि उनके पास रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि उनमें से कुछ अपने परिजनों के शव मिलने की उम्मीद खो चुके हैं और घर जाने की योजना बना रहे हैं।

सभी नमूने दिल्ली भेजने का फैसला

पीड़ित के एक भाई ने कहा, ‘वे (अस्पताल प्रशासन) कह रहे हैं कि उन्हें अभी तक मेरे भाई का शव नहीं मिला है। अब, मैं अपने घर लौटने के बारे में सोच रहा हूं। मैं जितना कर सकता था मैंने कोशिश की है, लेकिन अब तीन दिन हो गए हैं। मैंने अपना डीएनए सैंपल दे दिया है।’ अब तक कुल 30 सैंपल लिए जा चुके हैं। इस बीच, सरकार ने सभी डीएनए नमूने दिल्ली एम्स भेजने का फैसला किया है। शवों को कोल्ड रूम में रखा गया है, क्योंकि डीएनए रिपोर्ट के लिए 7-8 दिनों का इंतजार करना होगा।

ट्रेन हादसे में अब तक मरने वालों की संख्या 288

इस बीच, ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप कुमार जेना ने मंगलवार को कहा कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मरने संख्या 288 हो चुकी है। 288 शवों में से 193 को भुवनेश्वर और 94 शवों को बालासोर भेजा गया। वहीं भद्रक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले एक व्यक्ति का शव उसके एक रिश्तेदार को सौंप दिया गया।

ओडिशा के मुख्य सचिव ने कहा कि भुवनेश्वर भेजे गए 193 शवों में से 110 की पहचान कर ली गई है और 83 की पहचान की जानी बाकी है। इससे पहले सोमवार को अधिकारियों ने कहा था कि अभी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है।

2 जून को हुआ ट्रेन हादसा

2 जून को ओडिशा के बालासोर जिले में बहानगर बाजार स्टेशन के पास शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें 1100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। रेलवे ने कहा कि जहां तक शुरुआती जांच की बात है तो हो सकता है कि हादसा ‘सिग्नलिंग इंटरफेरेंस’ की वजह से हुआ हो।