ओडिशा के कटक में बांग्लादेश की एक नाबालिग लड़की को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस आरोप के तहत पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच कर शुरू कर दी है और तस्करी के एंगल की भी पड़ताल हो रही है। इस मामले में पति-पत्नी को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान राजस्थान के वीरा गुजर चौधरी (55) और ओडिशा के क्योंझर की जैस्मीन (36) के रूप में हुई है।  उन्हें 16 साल की  बांग्लादेशी लड़की द्वारा लगाए गए आरोप के आधार पर गिरफ्तार किया गया है, जिसे 9 नवंबर को मधुपटना पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत लिंक रोड इलाके से पुलिस ने बचाया था।

लड़की ने दी सभी जानकारी

कटक के डीसीपी जगमोहन मीना ने बताया कि बाद में लड़की को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) कटक को सौंप दिया गया था। मीना ने बताया कि पुलिस ने बांग्लादेश से अवैध रूप से लाई गई लड़की द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर मामले की जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि मामले के आरोप में गिरफ्तार किए गए पति-पत्नी के मोबाइल फोन कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि वे अपराध में शामिल थे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दंपत्ति किराए के मकान में रहकर यह रैकेट चलाते थे और मकान मालिक की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पुलिस इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों से भी संभावित संबंधों की जांच कर रही है। नाबालिग लड़की ने देह व्यापार में शामिल दो महिलाओं समेत पांच एजेंटों के नाम बताए हैं। उसने पुलिस द्वारा पहले दर्ज किए गए अपने बयान में उनके पते और संपर्क नंबर भी बताए हैं।

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लड़की के मुताबिक उसे कोलकाता के रास्ते ढाका से लाया गाया था। यह सब अगस्त-सितंबर महीनों के दौरान हुआ। बाद में उसे भुवनेश्वर लाया गया। वह बांग्लादेशी है लेकिन उसके बाद किसी तरह का पहचान पत्र नहीं मिला है। उसके बाद यात्रा से जुड़ा भी किसी तरह का दस्तावेज़ नहीं है। CWC के चेयरमेन प्रमोद कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है कि कटक कैसे पहुंची।