आयकर विभाग ने ओडिशा और झारखंड में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू से जुड़े ठिकानों से अब तक 351 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। सूत्रों ने बताया कि यह देश में किसी भी जांच एजेंसी द्वारा की गई सिंगल कार्रवाई में अब तक की सबसे अधिक जब्ती बन गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में बरामद नकदी की पांचवें दिन की गिनती में यह 351 करोड़ रुपये पाई गई है।
छापेमारी 6 दिसंबर को शुरू हुई और अब तक अधिकारियों ने कुल 176 बैग में से 140 बैग की गिनती पूरी कर ली है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित देशी शराब कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज लिमिटेड से जुड़ी संपत्तियों से आयकर विभाग (IT) द्वारा 350 करोड़ रुपये से अधिक जब्त किया जा चुका है। वहीं, सोमवार को छठे दिन भी ओडिशा में और संपत्तियों की तलाशी जारी रही।
6 दिसंबर को शुरू हुई थी छापेमारी
आईटी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बलांगीर जिले के टिटलागढ़ में दो बैंकों में एक शराब व्यापारी के लॉकर की तलाशी ली है और कुछ आभूषण बरामद किए हैं, जिनकी कीमत अभी तक निर्धारित नहीं की गई है। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी 6 दिसंबर को छापेमारी शुरू होने के बाद से बलांगीर में डेरा डाले हुए हैं। अधिकारी शराब निर्माण कंपनी के कुछ कर्मचारियों और कुछ स्थानीय शराब व्यापारियों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं ताकि छापेमारी के दौरान जब्त नकदी के स्रोत के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके।
टैक्स चोरी के आरोप में ओडिशा और झारखंड में शराब कारोबार से जुड़े लगभग 40 स्थानों पर छापेमारी की गई। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि तलाशी कुछ और दिनों तक जारी रहेगी जब तक कि आयकर अधिकारियों को मामले में कोई बड़ी सफलता नहीं मिल जाती।
छापेमारी पर राजनीतिक घमासान
इस बीच, ओडिशा उत्पाद एक्साइज डिपार्टमेंट ने राज्य भर में देशी शराब निर्माण इकाइयों के दस्तावेजों का सत्यापन शुरू कर दिया है। साहू की कंपनी 1994-95 से ओडिशा में देशी शराब निर्माण और बिक्री व्यवसाय में है। इस मुद्दे पर राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। भाजपा की ओडिशा इकाई ने शराब कारोबार में भ्रष्टाचार को रोकने में नवीन पटनायक सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए पूरे ओडिशा में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने भ्रष्टाचार में बीजेडी के कई नेताओं की भूमिका का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की। वहीं, सत्तारूढ़ बीजेडी ने कहा कि छापे के दौरान आईटी अधिकारियों द्वारा बरामद किए गए धन से उसका कोई लेना-देना नहीं है।