Odisha College Sexual Harassment Case: ओडिशा के बालासोर में कॉलेज परिसर में कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बाद खुद को आग लगाने वाली 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा की हालत ‘बेहद गंभीर’ है। छात्रा 95 प्रतिशत तक जल चुकी है। एम्स भुवनेश्वर के एक अधिकारी ने रविवार को इस बात की जानकारी दी।
छात्रा को शनिवार को एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया था और अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि पीड़िता की हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।
95 फीसदी तक जल चुकी है छात्रा- डॉक्टर
एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि पीड़िता का लगभग 95 प्रतिशत शरीर गंभीर रूप से जल गया है। उसके गुर्दे और फेफड़े भी प्रभावित हुए हैं। वह फिलहाल गहन चिकित्सा सहायता पर है।
बिस्वास ने बताया कि कई विभागों के डॉक्टर छात्रा के इलाज में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चेहरे पर कुछ निशानों को छोड़कर उसका पूरा शरीर जल गया है। उन्होंने कहा कि इस समय हम कुछ नहीं कह सकते।
अगले 24 घंटे बेहद अहम- मुख्यमंत्री
वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने रविवार को AIIMS भुवनेश्वर पहुंचकर छात्रा का हाल जाना। साथ ही उसके माता-पिता से बात की। मुख्यमंत्री ने कहा किभुवनेश्वर AIIMS में छात्रा का इलाज चल रहा है। अभी मरीज की हालत बहुत नाजुक है। मेडिकल टीम इलाज कर रही है। अगले 24 घंटे तक कुछ कहा नहीं जा सकता। हमने परिवार से बातचीत की। हम प्रार्थना करते हैं कि वे जल्दी ठीक हो जाएं। वहीं, इस घटना को लेकर BJD नेताओं ने भुवनेश्वर में मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
पीड़िता के पिता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां एक मेडिकल टीम बनाई जाएगी, जो दिल्ली एम्स के साथ वर्चुअल मीटिंग करेगी और मेरी बेटी के इलाज की व्यवस्था करेगी।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि बर्न विभाग के डॉक्टरों के अलावा क्रिटिकल केयर, सर्जरी, नेफ्रोलॉजी और पल्मोनोलॉजी के विशेषज्ञ भी छात्रा की स्वास्थ्य स्थिति पर 24 घंटे नजर रख रहे हैं। बिस्वास ने कहा कि एम्स भुवनेश्वर में मरीज की देखभाल के लिए हर सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इस समय कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
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एम्स, भुवनेश्वर ने एनेस्थीसिया, पल्मोनरी मेडिसिन, बर्न एंड प्लास्टिक, नेफ्रोलॉजी और अन्य विभागों के डॉक्टरों की एक आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। कार्यालय के एक आदेश में कहा गया है कि यह समिति आवश्यकता पड़ने पर किसी भी अन्य महत्वपूर्ण विभाग के किसी भी संकाय सदस्य को इसमें शामिल कर सकती है।
फकीर मोहन (स्वायत्त) कॉलेज, बालासोर के एकीकृत बीएड कार्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा ने शनिवार को एक शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए खुद को आग लगा ली थी, जिसने कथित तौर पर उसका यौन शोषण और मानसिक उत्पीड़न किया था। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ओडिशा सरकार ने शनिवार को कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया, क्योंकि वह कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में “विफल” रहे। वहीं, पुलिस ने शनिवार को आरोपी शिक्षिका समीरा कुमार साहू को गिरफ्तार कर लिया।
ओडिशा के पूर्व सीएम ने राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की
वहीं, ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने छात्रा द्वारा शैक्षणिक संस्थान परिसर में आत्मदाह करने की घटना को स्तब्धकारी और बेहद दुखद बताते हुए रविवार को पीड़िता को न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की।
पटनायक, जो रीढ़ की सफल सर्जरी के बाद शनिवार को ओडिशा लौटे थे। उन्होंने बालासोर की घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया।
एक्स पर एक लंबी पोस्ट में पटनायक ने कहा कि ओडिशा के एक प्रमुख विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा आत्मदाह करना स्तब्ध करने वाला और बेहद दुखद है। मैं भगवान जगन्नाथ से उसके गंभीर रूप से घायल होने पर शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रिंसिपल को लिखे एक पत्र में छात्रा ने खुलासा किया कि उसने पहले भी आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन उसे बचा लिया गया था।
पटनायक ने कहा कि पीड़िता महीनों तक डर और पीड़ा में रही। 1 जुलाई को मदद की गुहार लगाते हुए उसने सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत पोस्ट की और कई शीर्ष अधिकारियों को टैग किया। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उसने अपनी पीड़ा को समाप्त करने के अंतिम प्रयास में प्रिंसिपल के कक्ष के ठीक बाहर खुद को आग लगा ली।
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पटनायक ने कहा कि यह दुखद घटना इस कठोर सच्चाई को उजागर करती है कि कैसे कॉलेज प्रिंसिपल से लेकर उच्च शिक्षा मंत्री और केंद्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी तक अपनी शिकायतें बार-बार व्यक्त करने के बावजूद उसे न्याय नहीं मिला।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उच्च शिक्षा ढांचे में राज्यपाल एफएम विश्वविद्यालय सहित प्रमुख सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि मैं माननीय राज्यपाल से हस्तक्षेप करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं कि छात्रा को वह न्याय मिले जिसकी वह इतनी बेसब्री से तलाश कर रही थी। एक बार फिर, मैं भगवान जगन्नाथ से फकीर मोहन विश्वविद्यालय की छात्रा के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।