पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बाड़ा बयान दिया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि तत्कालीन गृहमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अगर इंद्र कुमार गुजराल की सलाह पर अमल किया होता तो इन दंगों को टाला जा सकता था। मनमोहन सिंह के इस बयान पर पूर्व पीएम के पोते ने नाराजगी जताई है।
1991 से 1996 के बीच में भारत के 10वें प्रधानमंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव के पोते एनभी सुभास ने मनमोहन सिंह के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पीवी नरसिम्हा राव के परिवार के सदस्य के नाते मैं पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के बयान से दुखी महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि ये अस्वीकार्य है। क्या कोई गृह मंत्री कैबिनेट की मंजूरी के बिना स्वतंत्र निर्णय ले सकता है? अगर सेना को बुला लिया गया होता, तो यह अनर्थ हो जाता।
एनभी सुभास के इस ब्यान के बाद लोग मनमोहन सिंह को ट्रोल कर ताने मारने लगे। एक यूजर ने लिखा ‘चमचागिरी में सब को पीछे छोड़ने में लगा है मनमोहन सिंह।” वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा ‘ये सिर्फ सोनिया गांधी और कांग्रेस की भाषा बोलते हैं।”
NV Subash, grandson of PV Narasimha Rao & BJP leader: As a family member I’m feeling saddened by this statement by Dr Manmohan Singh, it’s unacceptable. Can any Home Minister take independent decision without Cabinet’s approval? If Army had been called,it would’ve been a disaster https://t.co/Y9yy3j1Sr8 pic.twitter.com/LQZGRc7FoJ
— ANI (@ANI) December 5, 2019
चमचागिरी में सब को पीछे छोड़ने में लगा है MMS
— Ritesh jain (@Jainritesh_rj) December 5, 2019
बता दें मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की 100वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि गुजराल ने 1984 के सिख दंगों को रोकने के लिए सेना को तैनात करने की सलाह दी थी, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री नरसिम्हा राव ने उनकी इस सलाह को नजरअंदाज कर दिया था। गुजराल ने सिख दंगा भड़कने की रात को गृहमंत्री नरसिम्हा राव से मुलाकात भी की थी।