Hamza Khan, Pavneet Singh Chadha
नूंह दंगे के बाद मोनू मानेसर उर्फ मोहित यादव का नाम काफी चर्चा में है। मोनू मानेसर जो एक कथित गोरक्षक है, वह कम से कम दो मामलों में नामजद होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई से बचता रहा है। मोनू के खिलाफ राजस्थान और हरियाणा में एफआईआर दर्ज है। नूंह दंगे के बाद हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर और राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है।
अशोक गहलोत ने लगाया आरोप
गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरियाणा सरकार पर फरवरी में राजस्थान के निवासी नासिर और जुनैद की हत्या की जांच में असहयोग करने का आरोप लगाया। नसीर और जुनैद की कथित तौर पर गोरक्षकों ने हत्या कर दी थी और उनके शव हरियाणा में फेंक दिए थे। मोनू मानेसर को शुरू में मामले में मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया था लेकिन चूंकि वह फरार रहा, इसलिए आरोप पत्र दायर होने पर उसके खिलाफ जांच लंबित रखी गई थी।
छह महीनों में राजस्थान पुलिस जुनैद-नासिर हत्याओं में तीन गिरफ्तारियां करने में कामयाब रही है लेकिन इसमें मोनू सहित 27 लोग फरार हैं। इस बीच वह गुड़गांव जिले के अनौपचारिक ‘गौ संरक्षण बल’ के प्रमुख और बजरंग दल का सदस्य बना हुआ है। अशोक गहलोत ने गुरुवार को राजस्थान पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाने के लिए हरियाणा को दोषी ठहराया और खट्टर सरकार पर आरोप लगाया कि वह मोनू के संबंध में दोष राजस्थान पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वह नूंह हिंसा को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं थे।
अशोक गहलोत का यह बयान उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें मनोहर खट्टर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, ”जहां तक मोनू मानेसर का सवाल है, आखिरी एफआईआर उसके खिलाफ राजस्थान में दर्ज की गई थी। हमने राजस्थान सरकार से कहा है कि हम उसका पता लगाने में उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। चूंकि राजस्थान पुलिस उसकी तलाश कर रही है, इसलिए हमारे पास उसके ठिकाने के बारे में कोई इनपुट नहीं है।”
मोनू मानेसर चल रहा फरार
मई में राजस्थान पुलिस ने नासिर-जुनैद मामले में एक आरोप पत्र दायर किया था। इसमें तीन लोगों को नामजद किया गया था, जबकि 27 के खिलाफ जांच लंबित रखी गई थी। आरोप पत्र में 32 वर्षीय रिंकू सैनी, 31 वर्षीय मोनू राणा उर्फ नरेंद्र कुमार और गोगी का नाम शामिल था।
राजस्थान पुलिस के सूत्रों ने कहा कि एफआईआर में नामित सभी 30 लोग हरियाणा से हैं। उनका यह भी दावा है कि उन्होंने मध्य प्रदेश, बिहार, नेपाल सीमा से लगे झारखंड के कई जिलों के अलावा हरियाणा के फिरोजपुर झिरका, जिंद, भिवानी, करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल और यमुनानगर में सुराग हासिल करने के लिए विशेष गुप्त टीमें बनाई थीं। लेकिन हरियाणा पुलिस के असहयोग के कारण 27 लोग अभी भी लापता हैं।