सरकार ने आगामी जनगणना ( Census) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register : NPR) में ऑनलाइन स्व-गणना (खुद से की जाने वाली गिनती) की अनुमति देने के लिए जनगणना नियमों में कुछ संशोधनों को अधिसूचित किया है। यह घोषणा 2020 में की गई थी, लेकिन अब नियमों के जरिए अधिसूचित की गई है।
शुक्रवार (11 मार्च, 2022) को जारी एक गजट अधिसूचना में सरकार ने जनगणना नियम, 1990 में संशोधन किया। ऐसा इसलिए, क्योंकि जनगणना के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों की अनुसूची में “इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म” और “स्व-गणना” को शामिल किया जा सके। संशोधन नियम-2 के खंड सी में डाला गया है, जो परिभाषाओं से संबंधित है।
क्लॉज सी के मुताबिक, “जनगणना अनुसूची का मतलब है कि वह अनुसूची जिसमें ऐक्ट के सेक्शन 8 के सब-सेक्शन (1) में संदर्भित सवाल हैं। कागजी रूप में या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप में और खुद से की जाने वाली गणना के जरिए उक्त मोड में प्रचारित किया जा सकता है।”
जनगणना अधिनियम, 1948 (Census Act, 1948) की धारा 8, गणना करने वाले को जनगणना के बारे में सवाल पूछने की शक्ति देती है और कुछ अपवादों के साथ उत्तरदाताओं के लिए जवाब देना जरूरी बनाती है।
नई व्यवस्था को शामिल करने से जुड़ा एक स्पष्टीकरण बताता है, “इस क्लॉज के प्रयोजनों के लिए, “इलेक्ट्रॉनिक रूप” का वही मतलब होगा, जो आईटी ऐक्ट 2000 (2000 का 21) की धारा 2 की उप-धारा (1) के खंड (आर) में निर्दिष्ट है। यह भी बताया गया, “खुद से की जाने वाली या ‘स्व-गणना’ का मतलब है कि स्वयं उत्तरदाताओं की ओर से जन गणना अनुसूची को भरना, पूरा करना और फिर पेश करना।”
सरकार ने नियम 6 में 6डी के रूप में एक अतिरिक्त क्लॉज डाला है, जो कहता है, “इन नियमों के किसी भी अन्य प्रावधानों के पूर्वाग्रह के बिना, एक व्यक्ति स्व-गणना के माध्यम से जनगणना अनुसूची भर सकता है, पूरा कर सकता है और जमा कर सकता है।”
यही नहीं, नियम 5 में भी संशोधन किया गया है, जो “जनगणना अधिकारियों के कामों” से जुड़ा है। नियम 5 का खंड सी, जो कहता है कि जनगणना आयुक्त “जनगणना कार्यक्रम या प्रश्नावली तैयार करेगा और राज्य सरकारों या केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को उनके संबंधित राजपत्र में प्रकाशन के लिए प्रदान करेगा ताकि जनगणना में प्रचार किया जा सके।”