पूर्व सैनिकों के बाद अब पूर्व अर्धसैनिकों ने भी वन रैंक वन पेंशन के लिए अर्द्धसैन्य बलों ने भी अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि वह सीमा पर पहली रक्षा पंक्ति में होते हैं और सेना से ज्यादा विभिन्न कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। ऐसे में उन्हें भी ‘वन रैंक वन पेंशन’ का लाभ मिलना चाहिए।

रिटार्यड आर्मी सैनिकों के बाद अब पूर्व अर्धसैनिकों ने 2 नवंबर को जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने देने की योजना बनाई है। ऑल इंडिया सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज एक्स सर्विसमैन वेल्फेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव पीएस नायर ने प्रदर्शन के फैसले को अडिग बताते हुए कहा कि ‘मां भी तब तक बच्चे को दूध नहीं पिलाती जब तो वह नहीं रोता।’

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही मानसून सत्र के बाद पूर्व सैनिकों की कई समय से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग पूरी की गई है। उन्होंने ने भी सरकार के खिलाफ कई बार धरना दिया और अनशन किया था। बाद में उन्हें सरकार की ओर से इंसाफ मिल ही गया। अब उसी तर्ज पर अर्द्धसैनिक बलों ने भी ओआरओपी की लड़ाई लडऩे की तैयारी कर ली है।

ऑल इंडिया सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्सेज एक्स सर्विसमैन वेल्फेयर एसोसिएशन (AICPMFEWA) के राष्ट्रीय सचिव पीएस नायर ने प्रदर्शन के फैसले को अडिग बताते हुए कहा कि ‘मां भी तब तक बच्चे को दूध नहीं पिलाती जब तो वह नहीं रोता।’

इसी उदारहण को ध्यान में रखते हुए अर्धसैनिकों ने भी सरकार को अपनी मां समझकर दूध पीने यानी अपने हक को पाने की मांग करनी शुरू कर दी है।