बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सिंगापुर की उस फर्म को नोटिस जारी किया है जो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर आमादा है। सर्वोच्च अदालत ने फर्म को हिदायत दी है कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो कोई कानूनी कार्रवाई सिंगापुर में शुरू नहीं करेगी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने Advantage Strategic Consulting Singapore Private Limited की तरफ से पेश वकील के जरिये कंपनी को हिदायत दी। इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने स्वामी के खिलाफ सिंगापुर में केस चलाने की अनुमति विदेशी कंपनी को प्रदान की थी। स्वामी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने याचिका दायर कर कहा था कि विदेशी कंपनी को केस दायर करने से रोका जाए।
मद्रास हाईकोर्ट के सिंगल जज की बेंच ने कंपनी पर लगाई थी बंदिश
दरअसल 2014 में सिंगल जज की बेंच ने बीजेपी नेता के खिलाफ मानहानि का केस चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। सिंगल जज की बेंच ने कहा था कि स्वामी के खिलाफ अपील दायर करने वाली कंपनी विदेशी ट्रेडिंग कंपनी एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग की सहयोगी कंपनी है और उसका आधार चेन्नई में है। लिहाजा मद्रास हाईकोर्ट को इस मामले में एडवांटेज स्ट्रेटेजिक पर बंदिश लगाने का अधिकार मिल जाता है।
हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले से कंपनी को मिली थी स्वामी पर केस चलाने की आजादी
डबल बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मद्रास हाईकोर्ट को विदेशी फर्म के खिलाफ Anti-Suit Injunction देने का अधिकार नहीं है। मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस एसएस सुंदर और जस्टिस पी बालाजी की बेंच ने ये फैसला दिया था। उनका मानना था कि कंपनी स्वामी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
2012 में स्वामी ने दिल्ली में मीडिया से कहा था कि एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंपनी एयरसेल मेक्सिस स्कैम में शामिल थी। कंपनी के मुताबिक स्वामी के आरोपों से उसे काफी नुकसान हुआ। उन्होंने जो कुछ कहा था वो बगैर आधार के था। उसे जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए वो सिंगापुर के हाईकोर्ट में मानहानि का केस दायर करना चाहती है।