बड़े नोटों को अमान्य करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के आठ नवंबर के निर्णय के मुद्दे पर विपक्ष ने सोमवार (21 नवंबर) को संसद में अपना आक्रामक रुख बरकरार रखते हुए आम आदमी, किसानों और गरीबों को इस कदम से होने वाली परेशानी को लेकर हंगामा किया जिसके कारण दोनों ही सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। हालांकि सरकार ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है तथा उसने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वह संसद में इस मुद्दे पर चर्चा से भाग रहा है। लोकसभा में विपक्ष ने मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग पर हंगामा और नारेबाजी की जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद करीब दो बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की मांग पर विपक्ष के हंगामे के कारण पांच बार के स्थगन के बाद दोपहर बाद करीब तीन बजे बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में जहां कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य, वहीं राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बसपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे।
कानपुर के पास हुई रेल दुर्घटना के बारे में लोकसभा में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हंगामे के बीच एक बयान पढ़ा वहीं राज्यसभा में रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने इसी बयान को पढ़ा। उच्च सदन में व्यवस्था नहीं होने के चलते इस बयान पर सदस्यों द्वारा स्पष्टीकरण नहीं पूछे जा सके। कांग्रेस के एक सदस्य को बयान की प्रति फाड़ते देखा गया। लोकसभा में विपक्षी सदस्य सदन का कार्य स्थगित कर मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। लेकिन विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से उठकर विरोध करते देखा गया।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें। सरकार भी चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थगन के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है। इससे पहले सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया और नियमित कार्य स्थगित कर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट के प्रवाह पर अंकुश लगाने और इससे पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करने को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार ने यह कदम उठाया है। इस कदम को पूरे देश में एक स्वर से समर्थन मिला है।
अनंत कुमार ने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है। हालांकि, विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे। प्रश्नकाल में जब मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे तब कुछ सदस्य आसन के समीप शोर शराबा करते उनके सामने आ गए। अध्यक्ष ने उनसे मंत्री के सामने नहीं आने को कहा। लेकिन सदस्य मंत्री के समक्ष नारेबाजी करते रहे। इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा ‘आप टीवी पर आना चाहते हैं तो जरूर आइए। मैं लोक सभा टीवी से आग्रह करती हूं कि वे इन्हें दिखाये। पूरा हिन्दुस्तान देख ले।’ सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम टीवी पर नहीं आना चाहते। नोटबंदी के कारण जनता परेशान है, गरीब परेशान हैं, आम लोग परेशान हैं। हम इस पर चर्चा चाहते हैं। हम नियम 56 के तहत चर्चा चाहते हैं। खड़गे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाए। इस पर तत्काल चर्चा शुरू करायी जाए। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस मुद्दे पर कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। इस कदम के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने करीब दो बजे कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। उधर राज्यसभा में सुबह बैठक शुरू होने पर कानपुर देहात के पास रविवार (20 नवंबर) को हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके कुछ समय बाद माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि रेल हादसे में मारे गए लोगों को आज सदन में श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए जिनकी जान नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों के चलते गयी है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 15 दिनों में नोटबंदी की वजह से बैंकों के आगे कतार में लगे और परेशानियों के चलते जिन करीब 70 लोगों की जान गई है, उन्हें श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आसन की ओर से उनके प्रति संवेदना जताई जानी चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए प्रस्ताव आसन की ओर से आना चाहिए। आजाद ने यह भी कहा कि बहस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आना चाहिए। जदयू और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने उनकी इस मांग का समर्थन किया।
सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस को स्वीकार कर लिया गया और चर्चा जारी है। सरकार की ओर से उस पर जवाब दिया जाना है। जेटली ने आरोप लगाया ‘‘विपक्ष बहस से भाग क्यों रहा है। स्पष्ट है कि विपक्ष बहस के लिए तैयार नहीं है।’ कुरियन ने कहा कि श्रद्धांजलि मांग पर नहीं दी जाती, यह स्वतः होती है। विपक्ष को अपनी मांग के सिलसिले में आसन से संपर्क करना चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि अचानक बड़े नोट अमान्य किए जाने से लोग परेशान हो गए। कुछ इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए, कुछ लोग बैंकों के आगे लंबी लंबी कतारों में खड़े होने के कारण, तबियत खराब होने के कारण, दवाओं के अभाव में अपनी जान गंवा बैठे। किसी के घर बेटी की शादी है और उसके पास रुपयों का इंतजाम नहीं है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस विषय पर चर्चा आगे शुरू किए जाने पर जोर दिया। उप सभापति पीजे कुरियन ने कहा कि विपक्ष नोटबंदी के कारण कथित तौर पर करीब 70 लोगों की जान जाने की बात कह रहा है लेकिन उसके आंकड़ों की प्रामाणिकता क्या है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा, ‘सदस्य चर्चा चाहते हैं। लेकिन विपक्ष जनता की कमाई को खर्च करना चाहता है। विपक्ष के पास न कोई तर्क है और न ही कोई मुद्दा है।’ सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदस्यों को प्रश्न पूछने और उनका उत्तर पाने का हक है। उन्होंने कहा कि सदस्यों को उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि देश की भावना प्रधानमंत्री के साथ और कालेधन के खिलाफ है। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि वे जो कर रहे हैं, उससे उनकी छवि खराब हो रही है। हंगामे के कारण कुरियन ने तीन बज कर करीब पांच मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।