Vice Presidential Polls 2022: तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election) के मतदान से दूर रहने का ऐलान किया है। टीएमसी के इस फैसले को विपक्ष (Opposition) की ओर उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा (Margrate Alva) ने पार्टी के इस कदम को निराशाजनक करार दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा ये अहंकार या नाराजगी दिखाने का समय नहीं है। यह साहस, नेतृत्व और एकता में बंधे रहने का समय है।
अल्वा ने ट्विटर पर लिखा है, ‘हमें इस बात की उम्मीद है कि टीएमसी सुप्रीमों जो इस समय साहस की प्रतिमूर्ति हैं वो इस चुनाव में विपक्ष का समर्थन करेंगी’ इसके पहले गुरुवार को टीएमसी सुप्रीमों ने कहा कि वह एनडीए के जगदीप धनखड़ के साथ नहीं जा सकती हैं। लेकिन विपक्ष की मार्गरेट अल्वा का भी समर्थन नहीं कर सकती हैं क्योंकि उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर ममता बनर्जी से विचार विमर्श नहीं किया गया था।
85 फीसदी सांसदों ने कहा हमें मतदान से दूर रहना चाहिए
इस फैसले की घोषणा करते हुए पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘मार्गरेट अल्वा के ममता बनर्जी के साथ अच्छे समीकरण हैं लेकिन देश के उपराष्ट्रपति को व्यक्तिगत समीकरणों के आधार पर नहीं चुना जा सकता है। इसलिए पार्टी के कुछ मुद्दे हैं जिन पर फैसला करने के लिए सांसदों को छोड़ दिया गया और उनमें से 85% ने कहा, हमें मतदान प्रक्रिया से दूर रहना चाहिए।’
उम्मीदवार चुनने के बाद ममता से संपर्क की कोशिश की गई
अभिषेक बनर्जी ने बताया कि एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा कि उन्होंने ममता बनर्जी तक पहुंचने की कोशिश की थी लेकिन तब तक उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार पर निर्णय हो चुका था। जिस तरह से 35 सांसदों वाली पार्टी से परामर्श किए बिना विपक्षी उम्मीदवार का फैसला किया गया उसी तरह हमने इस चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है।
6 अगस्त को हैं उपराष्ट्रपति के चुनाव
6 अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा को एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के खिलाफ खड़ा किया गया है। धनखड़ जुलाई 2019 से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से पश्चिम बंगाल में कई मुद्दों पर ममता बनर्जी सरकार के साथ विवादों में रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में काफी एक्टिव थीं ममता बनर्जी
शरद पवार ने सभी विपक्षी दलों से विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का समर्थन करने को कहा था। इस पर टीएमसी की ओर से कहा गया कि 21 जुलाई को संसदीय दल की बैठक के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। वहीं इसके पहले ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में काफी व्यस्त रहीं। राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से ममता ने टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के नाम का भी प्रस्ताव रखा था। यशवंत सिन्हा ने अपनी उम्मीदवारी तय होने के बाद टीएमसी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन वह राष्ट्रपति चुनाव हार गए।