अडानी समूह की चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले कंपनी के शेयर तेज रफ़्तार से गिरे तो वहीं अब अडानी पोर्ट्स में निवेश करने वाली नॉर्वे की कंपनी KLP ने अपने निवेश वापस लेने शुरू कर दिए हैं। केएलपी ने म्यांमार सेना के साथ अडानी पोर्ट्स के संबंध होने के कारण अपने निवेश वापस लिए हैं।
इस साल फ़रवरी महीने में म्यांमार की सेना ने वहां के सिविलियन सरकार का तख्तापलट कर दिया था। सैन्य तख्तापलट होने के बाद म्यांमार में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन विरोध प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार सेना की खूब आलोचना हुई और कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए।
भारत की दिग्गज पोर्ट कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड सेज ने म्यांमार के रंगून में पोर्ट को विकसित करने के लिए म्यांमार की सेना से संबंधित एक व्यापारी से जमीन लीज पर लिया है। जिसकी वजह से अडानी अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के जांच के दायरे में है। म्यांमार की सेना से व्यापार करने के आधार पर ही केएलपी ने भी अपना निवेश वापस लिया है।
केएलपी ने अपने बयान में कहा है कि म्यांमार सेना और अडानी ग्रुप के बीच व्यापारिक साझेदारी उनकी कंपनी के नियमों का उल्लंघन है। इसलिए हम इस जोखिम को नहीं उठा सकते हैं और हमने अडानी पोर्ट्स एंड सेज से अपना निवेश वापस लेने का फैसला किया है। साथ ही केएलपी ने इस बात की ओर भी इशारा किया है कि अडानी के द्वारा तैयार किए जा रहे टर्मिनल से हथियारों का आयात किए जाने का भी खतरा है।
रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्वे की सबसे बड़ी पेंशन कंपनी केएलपी ने अडानी पोर्ट्स में करीब 1.05 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। हालांकि अभी तक इस मामले में अडानी ग्रुप की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।