नॉर्थ ईस्ट (North East) के 3 राज्यों में चुनाव हो रहें हैं। त्रिपुरा (Tripura Election) के लिए गुरुवार को वोट डाले गए हैं। जबकि नागालैंड और मेघालय (Nagaland and Meghalaya) में भी 27 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेताओं की प्राथमिकताओं में नॉर्थ-ईस्ट नहीं है, क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने प्रचार से पूरी तरीके से दूरी बना ली है।
राहुल गांधी प्रचार में नहीं गए
रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) वायनाड दौरे पर थे। 2018 के चुनाव में त्रिपुरा में कांग्रेस पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी। उसी वर्ष मिजोरम में सत्ता गंवाने के बाद पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त हो गया।
2023 के चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने प्रतिद्वंदी वामदलों के साथ समझौता किया और 2018 की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस को महज 13 सीटों पर संतोष करना पड़ा। माना जा रहा है कि कांग्रेस और सीपीआईएम (Congress and CPIM) के लिए एक बड़ा मौका है कि वह बीजेपी को मात दे पाए। लेकिन इस बड़े मौके के बावजूद कांग्रेस के बड़े नेता प्रचार अभियान से दूर रहे।
राहुल गांधी को छोड़ दे तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने भी त्रिपुरा में चुनाव प्रचार नहीं किया। जबकि खड़गे कांग्रेस के “हाथ से हाथ जोड़ो अभियान” की शुरुआत के लिए शनिवार को झारखंड में मौजूद थे। बता दें कि त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है।
कांग्रेस का रायपुर में अधिवेशन
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन 24 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक चलेगा। यह अधिवेशन रायपुर में होना है और शीर्ष नेतृत्व इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि बुधवार को राहुल गांधी गुलमर्ग में स्कीइंग करते हुए नजर आए।
कांग्रेस के नेता चिंतित
गुलमर्ग में राहुल गांधी के स्कीइंग के वीडियो को देखते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “दिल्ली में गुरुवार को एक आदिवासी उत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की तस्वीरें टीवी चैनलों पर है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि पीएम के कार्यक्रम का असर त्रिपुरा में आदिवासी वोटिंग पैटर्न पर पड़ा होगा। लेकिन यह निश्चित रूप से दृष्टिकोण को दर्शाता है।”