कोविड-19 के मामलों के साथ-साथ देश में नोरोवायरस का भी खतरा मंडरा रहा है। बता दें कि नोरोवायरस सभी आयु समूहों के लोगों को संक्रमित करता है। पिछले साल नवंबर में केरल में इसके 13 मामले मिले थे, वहीं अब फिर से केरल में इसके दो मामले सामने आये हैं। राज्य की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने बताया कि इससे संक्रमित दोनों बच्चों की हालत फिलहाल स्थिर है। उन्होंने कहा कि मरीज की सही देखभाल से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
क्या है नोरोवायरस: नोरोवायरस हर उम्र के लोगों को संक्रमित करता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, नोरोवायरस एक संक्रामक वायरस है जो संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने, दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैलता है। बीमारी का प्रकोप आमतौर पर क्रूज जहाजों पर, नर्सिंग होम और अन्य बंद स्थानों में होता है।
लक्षण: वायरस के संपर्क में आने के एक या दो दिन के बाद संक्रमित व्यक्ति को उल्टी, दस्त और पेट में दर्द की शिकायत होती है। मरीजों को मिचली आने के साथ पेट में दर्द, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द होता है। इससे संक्रमित व्यक्ति नोरोवायरस के करोड़ों कणों को फैला सकता है। इसके कुछ ही कण संक्रमण फैलाने के लिए काफी हैं।
बचाव: इस संक्रमण से दूर रहने के लिए आमतौर पर फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाना चाहिए। इससे नोरोवायरस को फैलने से रोका जा सकता है। किसी में इसके लक्षण दिखें तो उसके संपर्क में आने से बचें। हाथों को बार-बार साबुन और गर्म पानी से धोना चाहिए। हालांकि कोरोना वायरस की तरह यह एल्कोहल से खत्म नहीं होता।
आमतौर पर यह संक्रमण केवल दो या तीन दिनों तक रहता है। अधिकांश मामलों में, जो बहुत छोटे, बुजुर्ग या कुपोषित नहीं हैं, वे आसानी के साथ संक्रमण से ठीक हो सकते हैं।
बता दें कि भारत में पहली बार केरल में नवंबर 2021 में नोरोवायरस का पता चला था। उस दौरान वायनाड के एक कॉलेज के 13 छात्र इससे संक्रमित हुए थे।