नोएडा के सेक्टर-126 के सरकारी स्कूल में पढ़ने वालीं आठवीं की छात्राओं ने ऐसी सूझबूझ दिखाई, जिसकी कल्पना बड़ों ने भी नहीं की होगी। छात्राओं ने न केवल साथी छात्रा का बाल-विवाह रुकवाया, बल्कि उसके सपने बिखरने से बचा लिया। छोटी सी उमर में बच्ची की शादी करवाने पर अड़े परिजनों को रोकने के लिए छात्राओं ने पुलिस की भी मदद ली।
छात्रा फिर से स्कूल जाने से खुशी
आरोप है कि परिजन छात्रा की जबरन शादी कराने जा रहे थे। इसके लिए कई रस्में भी पूरी हो गई थीं। ऐन मौके पर पहुंची पुलिस ने शादी रुकवा दी। पुलिस के पहुंचने के बाद परिजनों ने फैसला वापस लेते हुए शादी रोक दी। अब छात्रा फिर से स्कूल जा रही है। शादी रोक दिए जाने से वह बेहद खुश है।
पहले बड़ी बहन की होनी थी शादी
पुलिस जांच में पता चला है कि छात्रा की बड़ी बहन की शादी होनी थी। शादी से कुछ दिन पहले बड़ी बहन संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई। समाज में बदमानी की डर से उन्होंने बड़ी की जगह छोटी बहन को शादी करने को कहा। कलम पकड़ने वाले उसके हाथों में जबरन मेहंदी भी लगाई गई। उसे शादी के लिए बकायदा तैयार किया गया था।
साथी छात्राओं ने बताया कि कुछ दिन पहले अचानक छात्रा स्कूल में सहमी हुई रहने लगी। कई दिन से परेशान देखकर सहपाठियों ने उदासी का कारण पूछा तो उसने जबरन शादी किए जाने की बात बताई। इसका पता चलते ही उसकी सभी सहपाठियों ने शिक्षिका और स्कूल मैनेजमेंट को इसकी जानकारी दी। स्कूल मैनेजमेंट ने चाइल्ड हेल्पलाइन और संबंधित थाने में इसकी शिकायत की। जानकारी लगते ही पुलिस सक्रिय हुई और कार्रवाई शुरू कर दी। शादी वाले दिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवा दी और आरोपियों को भी हिरासत में ले लिया। इसके बाद परिजन शादी रोकने के लिए राजी हो गए।
शिक्षिका बनना चाहती है छात्रा
पीड़ित छात्रा का कहना है कि वह शिक्षिका बनना चाहती है। वह सिर्फ अपने परिजनों की खुशी के लिए शादी कर रही थी, लेकिन उसे उसकी साथी छात्राओं ने बचा लिया। अब उसके परिजन भी समझ रहे हैं कि उसकी भी कुछ जिंदगी है। वह अपनी दीदी के किए की भरपाई क्यों करें। उसने कहा कि वह अब पढ़ लिखकर शिक्षिका बनेगी और फिर खुद के जैसे लड़कियों को शिक्षित करेगी।
इस तरह की घटनाओं का हो विरोध
स्कूल की एक शिक्षिका बताती हैं कि बच्चों ने उन्हें रोते हुए पूरे मामले की जानकारी दी थी। यह बेहद अफसोस की बात है कि आज के समय में भी इस तरह की कुरीतियां पनप रही हैं। इनका विरोध करने की जरूरत है।