Vishva Hindu Parishad: विश्व हिंदू परिषद (VHP) के महामंत्री मिलिंद परांडे ने मंगलवार को हिंदुओं को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब हिंदुओं के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करके कोई भी राजनीति में सफल नहीं हो सकता, क्योंकि राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद समाज का सबसे बड़ा वर्ग जाग चुका है और राजनीति के केंद्र बिंदु में आ गया है।

एनडीएमसी के सम्मेलन कक्ष में देश भर के मंदिरों को एक मंच पर लाने की कोशिश के तहत शुरू किए गए ‘जानें अपने मंदिर’ नामक एक कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस मौके पर परांडे ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन से पहले देश के करोड़ों लोगों को खुद को हिंदू कहने में शर्म आती थी, लेकिन इस आंदोलन की ही देन है कि आज समाज के करोड़ों लोग खुद को हिंदू कहने में गर्व महसूस करते हैं।

हिंदू अब जाग चुका है: मिलिंद पराडे

उन्होंने कहा, ‘‘यह मंदिरों का महत्व है। राम जन्मभूमि आंदोलन के पहले इस देश में हिन्दू को भी गाली देकर देश में सफल राजनीति की जा सकती थी, लेकिन राम मंदिर आंदोलन ने यह बदल दिया। यह आज राम जन्मभूमि आंदोलन का परिणाम है कि हिंदू को गाली देकर कोई राजनीति में सफल नहीं हो सकता है। हिंदू अब जाग चुका है। वो केंद्र बिंदु में बना है।

विहिप नेता ने मुगलों से लेकर अंग्रेजों के जमाने तक देश में मंदिरों को तोड़े जाने की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में देश में एक समाज का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि देश में एक भी मंदिर न टूटे। इतिहास को याद करना अच्छी बात है, लेकिन अगर हम इतिहास से कुछ सीखेंगे नहीं तो हमारा भूगोल भी बदल जाएगा। इसके बारे में हमें गंभीरता से सोचना होगा।

मंदिरों पर सरकारों के नियंत्रण का मुद्दा उठाते हुए परांडे ने इसे हिंदू समाज के साथ पक्षपात करार दिया। उन्होंने दावा किया कि देश में एक भी चर्च या मस्जिद सरकारी नियंत्रण में नहीं है। हिंदू समाज को इसके बारे में सोचना चाहिए।

जिसने सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाया वो खत्म हो गए: विप्लव देब

इस अवसर पर त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य विप्लब देब ने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों के बाद वामपंथियों ने सनातन धर्म को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा, ‘‘जिसने भी सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, वे सभी खत्म हो गए और यही हाल वामपंथियों का हुआ है।’’

मंदिरों से 35 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता: जितेंद्रानंद

अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री जितेंद्रानंद स्वामी ने मंदिरों की अर्थव्यवस्था का जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि देश की दो लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था सिर्फ मंदिरों से ही है। उन्होंने कहा कि देश भर के मंदिरों से 35 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।