उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की जलिकट्टू से प्रतिबंध हटाने की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। सोमवार को भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई), पेटा इंडिया और बेंगलूरु के एक एनजीओ ने चुनौती दी थी। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने खेलों में जानवरों के उपयोग को लेकर केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया। पीठ ने कहाकि कानून बनने तक जलिकट्टू पर अंतरिम रोक लगार्इ जाती है।
वहीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अध्यादेश जारी करने का आग्रह किया ताकि जल्लीकट्टू का आयोजन किया जा सके। प्रधानमंत्री को लिखे अपने खत में जयललिता ने लिखा कि जलिकट्टू को लेकर तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। 14 जनवरी को पोंगल मनाने को लेकर लोगों ने तैयारियां शुरु कर दी है।
उच्च्तम न्यायालय के इस फैसले के बाद पशु अधिकारों को लेकर काम करने वाली संस्था पेटा इंडिया ने कहाकि वह पशुओं की रक्षा के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी। यह रोक पशुओं को क्रूरता से भी बचाएगा और अनेक लोगों को इस साल इस तरह की घटना में चोटिल होने या मरने से बचाएगा। उसने कहा कि उच्चतम न्यायालय की रोक पशु अधिकार संगठन के 16 वें स्थापना दिवस पर तोहफा के रूप में आयी है।