राहुल गांधी के साथ अविश्वास को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा होना हमारे बीच में स्वभाविक नहीं है क्योंकि वे उनके (राहुल गांधी) सामने बहुत छोटे आदमी हैं। बिहार में अपने पदयात्रा मिशन की घोषणा के साथ पीके ने कई मुद्दों पर बात की। टीवी चैनल एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी से कोई निराशा नहीं है वे इतने बड़े आदमी हैं और मैं एक साधारण परिवार का आदमी हूं, तो मुझे राहुल गांधी जैसे महान व्यक्ति से क्या परेशानी हो सकती है? मुझे उनसे कोई समस्या नहीं है।”

पीके ने कहा, “राहुल गांधी ने मुझे बुलाया, मुझसे बात की। अगर वे फोन करके मुझे ये नहीं कहते कि मुझसे बात करना चाहते हैं, तो मैं उनसे बात नहीं कर पाता। अविश्वास की तो गुंजाईश ही नहीं है। मेरी और राहुल गांधी की कोई बराबरी ही नहीं है।”

उनका ये बयान इस बात की पुष्टि करता है कि राहुल गांधी ने रणनीतिकारों और गांधी परिवार के साथ प्रशांत किशोर की दूसरे दौर की बैठक से इनकार कर दिया था। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी को बातचीत के पहले दिन से ही यह अंदेशा था कि प्रशांत किशोर कांग्रेस ज्वाइन नहीं करेंगे।

कांग्रेस के साथ उनकी मीटिंग को लेकर पूछे गए सवाल पर पीके ने कहा, “यह अंत या विराम का सवाल नहीं है। पार्टी को क्या करने की जरूरत है, इस पर मुझे अपने विचार साझा करने की अनुमति देना, बहुत बड़ी बात है। यह उन पर निर्भर करता है कि वे मेरी सलाह लेना चाहते हैं या नहीं। कांग्रेस को प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के पास ऐसे कई लोग हैं जो प्रशांत किशोर से अधिक जानते हैं और अधिक सक्षम और अनुभवी हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस के साथ उनका एक ही छोटा सा विवाद था और वो था- एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप, जिसे लेकर उन्हें संशय था।

नीतीश कुमार के साथ नाराजगी के सवालों पर भी बोले पीके
किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने से इनकार करने के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मुझे उनसे मिलना था, लेकिन एक काम में फंसे होने के कारण उनसे नहीं मिल सका। अगर वह मुझे कल बुलाएंगे, तो मैं जरूर जाऊंगा। मेरे नीतीश कुमार के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं और वह मेरे लिए पिता की तरह हैं।” उन्होंने कहा कि अच्छे संबंध होना और साथ काम करने में अंतर होता है।