जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से वह सार्वजनिक गतिविधियों से दूर हैं। इसी बीच शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि जगदीप धनखड़ शायद लापता हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी धनखड़ के संबंध में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने पर विचार कर रही है।
संजय राउत ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, “21 जुलाई को, हम सुबह राज्यसभा में उनसे मिले और उनसे चर्चा भी की। उन्होंने राज्यसभा में कुछ निर्देश दिए, जिसके बाद सदन स्थगित कर दिया गया। उनका स्वास्थ्य ठीक था। हो सकता है कि वे सदस्यों से नाराज रहे हों, लेकिन मजाक भी किया। हालांकि, शाम 6 बजे के बाद मीडिया में यह खबर आई कि जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया है। हम हैरान रह गए।”
हमें नहीं पता जगदीप धनखड़ कहां है – संजय राउत
संजय राउत ने कहा कि अभी भी यह पता नहीं चला कि धनखड़ कहां हैं। शिवसेना यूबीटी सांसद ने आगे कहा, “हमें नहीं पता कि वह कहां हैं। हमें नहीं पता कि उनकी तबीयत कैसी है। हमें नहीं पता कि वह लापता हैं या नहीं। हमें नहीं पता कि वह किसके साथ हैं। हमें यह भी संदेह है कि क्या उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। किसी को भी पता नहीं है कि वह कहां हैं। अगर इस देश का एक पूर्व उपराष्ट्रपति अचानक बिना किसी सुराग के गायब हो जाए, तो यह हमारे लोकतंत्र पर गंभीर सवाल खड़े करता है।”
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राउत ने बताया कि जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दिल्ली आए थे , तो वरिष्ठ वकी कपिल सिब्बल ने उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि जगदीप धनखड़ कहां हैं। उन्होंने हमें बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के बारे में बताया, जो किसी व्यक्ति के लापता होने पर दायर की जाती है ताकि उसे कोर्ट में पेश किया जा सके। हम अदालत में ऐसी ही एक याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं।
कपिल सिब्बल ने अमित शाह से पूछा सवाल
शनिवार को राज्यसभा के सांसद कपिल सिब्बल ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “उनके इस्तीफे के बाद, हमें उनके ठिकाने के बारे में कुछ नहीं पता। मैंने पहले ‘लापता लेडीज़’ के बारे में सुना था, लेकिन ‘लापता’ वाइस प्रेसिडेंट के बारे में पहली बार सुना है। अब ऐसा लगता है कि विपक्ष को उन्हें बचाना होगा। मैंने पहले उन्हें फोन किया था; उनके पीए ने फोन उठाया और कहा कि वह आराम कर रहे हैं। इसके बाद, कोई भी फोन का जवाब नहीं दे रहा है। कई नेताओं ने यह भी कहा कि वह फोन का जवाब नहीं दे रहे हैं। तो, हम क्या करें? क्या हमें बंदी प्रत्यक्षीकरण या कुछ और दायर करना चाहिए। गृह मंत्रालय को इससे संबंधित जानकारी मिली होगी, इसलिए अमित शाह को इस बारे में एक बयान जारी करना चाहिए। मुझे उनकी चिंता है।” पढ़ें पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस…