नीतीश कुमार द्वारा आरएसएस को भाजपा का ‘‘सुप्रीम कोर्ट’’ बताए जाने के कुछ ही घंटे बाद भाजपा महासचिव राममाधव ने आज पलटवार किया और आरोप लगाया कि जदयू नेता सोनिया गांधी एवं लालू यादव से आदेश एवं अनुमति लेते हैं तथा वे उनके ‘‘दो सुप्रीम कोर्ट’’ हैं।

माधव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं दिन में नीतीश कुमार का संवाददाता सम्मेलन देख रहा था। वह कह रहे थे कि आरएसएस भाजपा का सुप्रीम कोर्ट है। मैं नीतीश से पूछना चाहता हूं कि उनका सुप्रीम कोर्ट कौन सा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक उनके बयान की बात है, ऐसा लगता है कि उनके दो सुप्रीम कोर्ट हैं…एक लालू प्रसाद और दूसरा सोनिया गांधी एवं कांग्रेस, जिससे वह आदेश एवं अनुमति लेते हैं।’’

संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को लेकर हाल में छिड़े विवाद की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रमुख वर्तमान आरक्षण के विरुद्ध नहीं हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई कांग्रेस नेताओं ने भी वर्तमान आरक्षण पर प्रश्न उठाए हैं।

माधव ने कहा, ‘‘जहां तक आरएसएस की बात है, आरएसएस ने स्पष्ट कर दिया था कि उनके प्रमुख भागवत जी ने वर्तमान आरक्षण प्रणाली पर कोई टिप्पणी नहीं की है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नीतीश कुमार को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि उनके महागठबंधन भागीदार कांग्रेस पार्टी का क्या रुख है।’’

भाजपा महासचिव राममाधव ने कहा, ‘‘आरएसएस ने उस तरह का कुछ नहीं कहा है तथा जहां तक भाजपा की बात है, हमने कल कई बार इस बात को कहा कि जब तक लक्ष्य हासिल नहीं हो जाए, हम वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को जारी रखना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लक्ष्य मुख्यत: वही है जिसकी परिकल्पना बी आर अंबेडकर ने आरक्षण व्यवस्था लागू करते समय की थी। लाभ सभी वर्गों, सभी लाभार्थियों तक पहुंचना चाहिए। लाभार्थी समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक यह पहुंचे, यही अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। इसमें गलत क्या है।’’

बिहार के मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘‘क्या लालू प्रसाद उनके सुप्रीम कोर्ट हैं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें सूची घोषित करने की अनुमति मिल गयी है, उन्हें लालू प्रसाद से अनुमति मिल गयी है।’’

माधव ने कहा कि नीतीश लालू प्रसाद से अनुमति एवं आदेश लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह सोनिया गांधी एवं कांग्रेस पार्टी से अनुमति एवं आदेश लेते हैं जो अन्य सुप्रीम कोर्ट है।’’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए। वे वर्तमान आरक्षण व्यवस्था को बदलना चाहते हैं।’’