अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के निमंत्रण को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बड़ा बयान दिया है। वरिष्ठ जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी गठबंधन के अन्य दलों की तरह इस आयोजन को लेकर किसी भी तरह की दुविधा में नहीं हूं।
केसी त्यागी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण सरकार द्वारा किया गया था, न कि किसी राजनीतिक दल द्वारा और यदि आमंत्रित किया जाता है, तो पार्टी को इसमें भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधि भेजने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी। राम सबके हैं। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। अगर अयोध्या मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिलता है, तो हम निश्चित रूप से किसी को इसमें शामिल होने के लिए भेजेंगे।”
जेडीयू के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने द इंडियन एक्सप्रेस ने मंदिर के प्रचार पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले इससे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है। धर्म को राजनीति के साथ जोड़ना गलत है।
केसी त्यागी ने कहा, “यहां तक कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था, तब भी हमने कहा था कि हम अदालत के आदेश को स्वीकार करेंगे। अब जब कोर्ट से मामला सुलझने के बाद मंदिर बन गया है तो हम इसका सम्मान करते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि 22 जनवरी को कौन अयोध्या जाएगा। अगर कोई निमंत्रण नहीं है तो हम अपने समय और गति से वहां जाएंगे।”
केसी त्यागी ने यह भी याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से क्या कहा था कि जब तक मामला अदालतों में लंबित है, सरकार विवादित भूमि साझा नहीं कर सकती। पूर्व पीएम का हवाला देते हुए केसी त्यागी ने कहा, “अगर हम कुछ करेंगे तो सरकार अल्पसंख्यकों का भरोसा खो देगी।”
केसी त्यागी ने समाजवादी नेता रहे राम मनोहर लोहिया की इस बात को भी याद किया कि भगवान शिव सार्वभौमिक प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि राम उत्तर और दक्षिण के मेल का और कृष्ण पूर्व और पश्चिम के मेल का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, “इसलिए सभी धर्मों का सम्मान करने पर समाजवादियों की स्थिति बहुत स्पष्ट है।”
वहीं जेडीयू एमएलसी और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य नीरज कुमार ने कहा, “हमने बार-बार कहा है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। हमारी सरकार ने मंदिरों की बाड़ लगा दी है तो कब्रिस्तानों की भी बाड़ लगा दी है। हम अयोध्या मंदिर को लेकर राजनीति चमकाने की कोशिशों से हैरान हैं।” भाजपा सरकार पर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण और विस्तार के दौरान हटाए गए ‘सैकड़ों मंदिरों’ की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए नीरज कुमार ने कहा, “अब समय आ गया है कि भाजपा मंदिरों और धर्म को चुनावी टूल के रूप में इस्तेमाल करना बंद कर दे। नीतीश कुमार सरकार की नीतियां और कार्यक्रम उसकी धर्मनिरपेक्ष छवि को प्रतिबिंबित करते हैं।”
