Delhi Assembly Election: कुछ ही समय बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाला है। इस बार भाजपा दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वजह ये है कि पिछले महीने संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में यहां की 70 विधानसभा सीटों में से 65 पर भाजपा ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से ज्यादा वोट प्राप्त किए। हालांकि, बिहार में एनडीए गठबंधन में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू दिल्ली में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है। जदयू ने कुछ दिनों पहले कहा था कि उसका एनडीए के साथ गठबंधन सिर्फ बिहार में है। हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारेगी।
दिल्ली के प्रदेश जदयू अध्यक्ष दयानंद राय ने कहा, “पटना के संपन्न हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मुझे बुलाकर पूछा कि आपको दिल्ली में काम करने में कहां दिक्कत आ रही है? हमारे प्रभारी संजय झा, आरसीपी सिंह सहित अन्य लोग भी मौजूद थे। मैंने उनको सभी बातों से अवगत करवाया। एक सप्ताह के अंदर उसका यह नतीजा आया कि हमें फोन आया कि आप अपनी टीम के साथ आएं। उन्होंने हमें कहा कि दिल्ली में हम काम करेंगे। हमारे प्रभारी संजय झा हफ्ते में दो दिन रहेंगे। हमारी जरूरत रहेगा तो हम भी रहेंगे। कहीं भी कार्यकर्ताओं को नेताओं की कमी महसूस नहीं हो, ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। हम 15 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कोशिश करेंगे तो कई सीटों पर जीत मिल जाएगी।”
जदयू के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का बयान उस बैठक के बाद आया है जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर सहित अन्य नेता शामिल हुए। पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ही जदयू ने यह साफ कर दिया था कि वह देश के कई राज्यों में अपनी पार्टी का विस्तार करेगी।