भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ आने को ‘बेमेल की शादी’ बताते हुए दावा किया कि आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू-राजद के गठबंधन को अधिक दिनों तक टिकाऊ नहीं होने के साथ इसका चुनाव पर असर नहीं पडेगा।

केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री रामकृपाल यादव ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अपने-अपने स्वार्थ के चलते इकट्ठे हुए हैं। ये बेमेल शादी है जो कि अधिक दिनों तक नहीं टिकेगी या इसका चुनाव पर असर नहीं पड़ेगा।

पिछले लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से राजद सुप्रीमो द्वारा टिकट नहीं दिए जाने से बागी बनकर भाजपा के टिकट पर वहां चुनाव लड़े तथा कभी लालू के साथी रहे रामकृपाल ने दावा किया कि प्रदेश की जनता ने लोकसभा चुनाव में जदयू और राजद नेता से अपना समर्थन वापस ले लिया था और राज्य में नेतृत्व की कमी की पूर्ति आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा करेगी।

उन्होंने कहा कि लालू और नीतीश के बीच गठबंधन जनता परिवार के विलय की बात के विफल होने के बाद आपस में हमेशा लड़ने वाले दलों जदयू, राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के बीच कई दौर की बातचीत होने के बाद हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद ये दल भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते थे इसलिए वे एकजुट हुए हैं। इनका शरीर एक है दिल अभी भी अलग-अलग है।

रामकृपाल ने दावा किया कि नीतीश और लालू कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के ‘डंडे और दबिश’ के कारण एकजुट हुए क्योंकि लालू नीतीश को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नहीं स्वीकार कर रहे थे। उन्होंने लालू और नीतीश तथा उनके समर्थकों के एक दूसरे की टांग भविष्य में निश्चित तौर पर खींचने का दावा करते हुए कहा कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने का काम करेंगे।