पिछले 6 सालों से मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी इलैक्ट्रिक वाहनों की वकालत कर रहे हैं। साथ ही पारंपरिक ईंधन की जगह दूसरे ईंधन इस्तेमाल किए जाएं गडकरी इसकी भी बात करते हैं। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फैसला लिया है कि वे अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में बुलेटप्रूफ सरकारी गाड़ी छोड़ सिर्फ इलैक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल करेंगे। माना जा रहा है कि गडकरी ने लोगों के बीच संदेश देने के लिए ये फैसला किया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि केंद्रीय बजट में 2021-2022 के लिए घोषित पुराने और अनफिट वाहनों के लिए स्वैच्छिक स्क्रैपिंग नीति से 25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और ऑटो पार्ट्स की कीमत कम होगी। मंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा शुरू किए गए कदम भारत को पांच साल में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बना देंगे।

उन्होंने कहा कि 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहन अच्छे नहीं हैं और उनके रखरखाव पर भी काफी खर्चा होता है और स्क्रैपिंग नीति इन समस्याओं को दूर करने में मदद करेगी। गडकरी ने कहा कि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर रूरल इंडस्ट्रीयलाइजेशन (MGIRI) में अनुसंधान और प्रशिक्षण सुविधाएं स्थापित करने के लिए केंद्रीय MSME मंत्रालय द्वारा 50 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के सिंडी में लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने के प्रयास जारी हैं और कॉनकॉर के ड्राई पोर्ट पर भी काम चल रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जो लोग नया खरीदने के लिए पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को रोकेंगे, उन्हें नई नीति के तहत कुछ अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे। उन्होंने आगे घोषणा की कि नीति के बारीक विवरण के बारे में जल्द ही बताया जाएगा।

2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में घोषित स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति को भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है। नीति को एक वरदान बताते हुए गडकरी ने कहा: इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के कारोबार में 30% की वृद्धि होगी। स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत, निजी वाहन 20 साल बाद फिटनेस परीक्षण से गुजरेंगे जबकि व्यावसायिक वाहनों को 15 साल पूरे होने के बाद इसकी जरूरत होगी।