केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नए ट्रैफिक रूल को लेकर विरोध करने वाले लोगों से नाराज़ हैं। गडकरी ने गुरुवार को नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत यातायात के उल्लंघन के लिए भारी जुर्माना लाखों लोगों के जीवन को बचाने के लिए है, ना कि राजस्व उत्पन्न करने या “लोकप्रिय राजनीति खेलने” के लिए। उनकी यह टिप्पणी बृहस्पतिवार को इस नए कानून के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसपोर्टरों, टैक्सी और तिपहिया की हड़ताल के मद्देनजर आई है। मोटर व्हीकल एक्ट का देश में कई जगह विरोध किया गया।

गडकरी ने कहा कि मोटर वाहन कानून के नए प्रावधानों का मकसद जुर्माना जुटाना नहीं, बल्कि दुर्घटनाएं रोकना है। उन्होंने कहा कि संशोधित मोटर वाहन कानून के विरोध की वजह समझ से परे है। गडकरी ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि दिल्ली के चालक इस कानून का विरोध क्यों कर रहे हैं। जो चालक यातायात नियमों का पालन करते हैं उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। यह कानून उनका जीवन बचाने के लिए लाया गया है।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने कहा कि हर साल लगभग डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं। भारत में होने वाली सड़क मौतों (65%) की अधिकतम संख्या 18-35 वर्ष के बीच के लोगों की होती है। इस से जीडीपी में 2% कि हानी होती है। 100 रुपये की कीमत क्या है? ये जुर्माना केंद्र नहीं बल्कि राज्य सरकारों के पास जाएगा। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 का समर्थन 20 राज्यों के परिवहन मंत्रियों ने किया था।

बता दें नए नियम के तहत सीट बेल्ट न लगाने पर जुर्माना 1000 रुपये कर दिया गया है। पहले ये 100 रुपए था। रेड लाइट जंप के लिए पहले जुर्माना 1000 रुपये था, अब 5000 रुपये देने होंगे। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पहले अपराध के लिए 6 महीने की जेल और 10,000 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जबकि दूसरी बार ये गलती करते हैं तो 2 साल तक जेल और 15,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा। बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर 500 रुपये की जगह अब 5,000 रुपये जुर्माना देना होगा।