केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को कर्नाटक के शिवमोगा में एक पुल के उद्घाटन में पहुंचे थे, राज्य के सीएम सिद्धारमैया ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि सिगंदूर पुल के उद्घाटन कार्यक्रम और शिवमोगा के सागर तालुक में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने के कारण विरोध स्वरूप न तो वह और न ही उनके मंत्री इसमें शामिल हो रहे हैं।
वहीं, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिद्धरमैया को 11 जुलाई को कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया गया था। कार्यक्रम संबंधी किसी भी संभावित चुनौती को देखते हुए 12 जुलाई को एक पत्र भेजा गया, जिसमें डिजिटल माध्यम से उनकी उपस्थिति का अनुरोध किया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे गए दोनों पत्र भी ‘एक्स’ पर पोस्ट किए हैं।
सिद्धारमैया बोले- मुझे आमंत्रित नहीं किया गया
दूसरी ओर, सिद्धारमैया ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हममें से कोई भी भाग नहीं ले रहा है क्योंकि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था। मैंने नितिन गडकरी से फोन पर बात की और उन्हें इस बारे में सूचित किया। उन्होंने कहा कि वह कार्यक्रम स्थगित कर देंगे। फिर मैंने उन्हें एक पत्र लिखा। संभवत: भाजपा नेताओं के दबाव डालने के कारण मुझे कुछ बताए बिना वे ऐसा कर रहे हैं। मैं नहीं जा रहा हूं। मेरा इंडी में एक पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम है। कार्यक्रम एक महीने पहले निर्धारित था, मैं वहां जा रहा हूं।’’
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सीएम और उनकी कैबिनेट ने किया गडकरी के कार्यक्रम का बहिष्कार
सीएम ने पत्रकारों से कहा, ‘‘विरोध स्वरूप हममें से कोई भी नहीं जा रहा है। न तो मैं, न लोक निर्माण मंत्री, न जिला प्रभारी मंत्री और न ही सागर विधायक।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इससे केंद्र और राज्य के बीच टकराव नहीं होगा, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें (केंद्र को) आमंत्रित करना चाहिए था कि नहीं? टकराव किसने शुरू किया है? उन्होंने ही टकराव शुरू किया है। ‘प्रोटोकॉल’ का पालन करना होगा। यह कार्यक्रम हमारे राज्य में हो रहा है, हम एक संघीय व्यवस्था में हैं।’’
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘रेलवे और अन्य परियोजनाओं में जिनमें राज्य भी योगदान देता है, हम उन्हें (केंद्रीय मंत्रियों को) उद्घाटन कार्यक्रमों के लिए आमंत्रित करते हैं। ‘प्रोटोकॉल’ के अनुसार उन्हें मुझे, लोक निर्माण मंत्री, स्थानीय विधायक, जिला प्रभारी मंत्री को आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन हममें से किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया। मैंने कार्यक्रम का टाइम- टेबल देखने के बाद गडकरी को फोन किया था।’’
भारत का दूसरा सबसे लंबा केबल पुल
गडकरी ने सोमवार को ‘‘सिगंदूर पुल’’ का उद्घाटन किया, जिसे सागर तालुका में अंबरगोडलु-कलासवल्ली के बीच भारत का दूसरा सबसे लंबा केबल पुल कहा जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस पुल का निर्माण 472 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में गडकरी ने कहा कि क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत आज कर्नाटक के शिवमोगा में कई प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास समारोह आयोजित किया जा रहा है।
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गडकरी ने कहा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भेजा गया था आधिकारिक निमंत्रण
नितिन गडकरी ने कहा, ‘‘कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को 11 जुलाई 2025 को कार्यक्रम की अध्यक्षता करने के लिए एक आधिकारिक निमंत्रण दिया गया था। कार्यक्रम संबंधी किसी भी संभावित चुनौतियों के मद्देनजर 12 जुलाई को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें डिजिटल माध्यम से उनकी उपस्थिति का अनुरोध किया गया था।’’ केंद्र सरकार स्थापित प्रोटोकॉल का पालन करती रही है और कर्नाटक सरकार तथा मुख्यमंत्री के योगदान और सहयोग की निरंतर सराहना करती रही है। गडकरी ने आगे कहा, ‘‘केंद्र सरकार सहकारी संघवाद और सभी राज्यों के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए प्रतिबद्ध है।’’
जिसके बाद रविवार शाम को मुख्यमंत्री कार्यालय ने सिद्धारमैया द्वारा गडकरी को 11 जुलाई को लिखा एक पत्र साझा किया था, जिसमें उन्होंने कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह करते हुए कहा था कि उन्हें पहले से सूचित नहीं किया गया था। विजयपुरा जिले के इंडी तालुक की अपनी निर्धारित यात्रा का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने गडकरी को लिखे पत्र में कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए इस तरह के कार्यक्रम की योजना बनाने से पहले राज्य सरकार से परामर्श करना अधिक उपयुक्त होता। उन्होंने गडकरी से इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया। पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
(इनपुट-भाषा)