जहां एक तरफ बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार के 16 साल पूरे होने पर जेडीयू जश्न मना रही है तो वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने नीति आयोग की एक रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बता दें कि 24 नवंबर बुधवार को नीति आयोग ने नेशनल मल्टीडाइमेंशनल पोवर्टी इंडेक्स- बेसलाइन रिपोर्ट जारी की है।
नीति आयोग की इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 51.91 प्रतिशत जनसंख्या मल्टीडाइमेंशनली गरीब हैं। वहीं 51.88 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो न्यूट्रिशन से वंचित हैं। न्यूट्रिशन, मैटरनल हेल्थ, गरीबी, स्कूल अटेंडेस और कुकिंग फ्यूल व इलेक्ट्रिसिटी के क्षेत्र में भी बिहार की हालत देशभर में सबसे अधिक खराब है।
नीतिक आयोग के आंकड़ों को लेकर तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “नीतीश के 16 साल बिहार सबसे बदहाल नीति आयोग की दूसरी रिपोर्ट के 7 सूचकांकों में भी बिहार की सबसे बुरी और खराब स्थिति है। डबल इंजन सरकार के पास कोई तार्किक जवाब नहीं। जब राज्यहित में तथ्य,तर्क और सच्चाई के साथ सवाल पूछता हूँ तो धरा के सबसे ज्ञानी 16 वर्षीय मुख्यमंत्री भड़क जाते है।”
वहीं नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का मल्टीडाइमेंशनल पोवर्टी इंडेक्स 0.265 है। जिसमें 51.91 फीसदी आबादी गरीब है। 51.88 प्रतिशत ऐसे लोग है जो न्यूट्रिशन से वंचित हैं। बिहार में 45.62 प्रतिशत मैटरनल हेल्थ से वंचित हैं। वहीं बिहार में 26.27% ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी नहीं की है। बता दें कि बिहार के 12.52% बच्चे कक्षा 8 तक स्कूल नहीं गए हैं।
इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि देशभर में केरल की हालत सबसे बेहतर है। केरल में 0.71 प्रतिशत आबादी ही गरीब हैं। वहीं खराब हालत में बिहार के बाद झारखंड का स्थान है। यहां के 42.16 प्रतिशत लोग मल्टीडाइमेंशली गरीब की कैटेगरी में हैं। वहीं यूपी 37.79 प्रतिशत लोग गरीब हैं।
वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड में 47.99 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 45.49 प्रतिशत, सिक्किम में 13.32 प्रतिशत लोग न्यूट्रिशन से वंचित हैं। गौरतलब है कि यदि 0 से 59 महीने की उम्र के बीच का कोई बच्चा, या 15 से 49 साल की उम्र के बीच की महिला,या 15 से 54 वर्ष की आयु के बीच का व्यक्ति कुपोषित पाया जाता है।