(सौम्यरेंद्र बारिक)

Niti Aayog News: नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मुद्दों को उठाने के लिए अपने आवंटित समय में विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार के सामने कई मांगे रखीं, जिसमें फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गांरटी, आईएएस अफसरों की कमी, जीएसटी पर छूट, राज्यों के लिए फंड की मांग और पॉलिसी के मुद्दों को राज्यों के पर्याप्त परामर्श जैसे मुद्दे शामिल थे।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान एवं लेफ्ट शासित केरल के मुख्यमंत्रियों ने जीएसटी लागू होने के कारण राज्यों की आय में हुई गिरावट को लेकर कंपनसेशन की मांग की। आम आदमी पार्टी शासित पंजाब के मुख्यमंत्री ने एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग की। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अधिक आईएएस अफसर की मांगे और झारखंड के मुख्यमंत्री ने केंद्र से राज्य में इस साल बारिश कम होने के चले एक राहत पैकेज की मांग की।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने रविवार को नीति अयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने शनिवार को था कि वह केंद्र सरकार के एटीट्यूड के कारण इस बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ‘सोशल वेलफेयर योजना को रेवड़ियां बांटने’ वाले बयान को लेकर भी सवाल उठाए थे। कल शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बैठक के “दौरान मुफ्त योजनाओं” पर कोई चर्चा नहीं हुई।

बीते रविवार को गवर्निंग काउंसिल की बैठक में 23 सीएम, तीन उपराज्यपाल और दो प्रशासक और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। बिहार, तेलंगाना, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक और मिजोरम के मुख्यमंत्री , पुडुचेरी के एलजी और चंडीगढ़ के प्रशासक बैठक में शामिल नहीं हुए।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले जीएसटी लागू होने के कारण राज्य को करीब 5000 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन सालों में राज्य को केंद्रीय टैक्स के रूप में 13,000 करोड़ रुपए कम मिले हैं, जिसने राज्य सरकार संसाधनों पर काफी दवाब डाला है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से  राज्य को वित्तीय सहायता करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही पहाड़ी राज्यों के जैसा ही एक इंडस्ट्रियल पैकेज की मांग की। उन्होंने एमएसपी पर केंद्र की समिति को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें ” अर्थशास्त्रियों का वर्चस्व है, जिन्हें कृषि के बारे में कोई जानकारी नहीं है”। उन्होंने एमएसपी समिति के पुनर्गठन का आह्वान किया ।