श्रीनगर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के कैम्पस में छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर विवाद थमता नहीं दिख रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से भेजी गई टीम के सामने अपनी मांगें रख दी हैं। इसके तहत कैम्पस जम्मू शिफ्ट करने, कॉलेज के मेन गेट पर तिरंगा फहराने, एनआईटी के कुछ अधिकारियों के ट्रांसफर और लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शामिल है। छात्रों ने साथ ही कहा,’यह भारत नहीं है सर। हम यहां नहीं रह सकते। आपको कॉलेज शिफ्ट करनी ही होगी।’
इससे पहले एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा, ‘छात्रों के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। मंत्रालय की टीम कैम्पस में मौजूद है जो छात्रों से बातचीत कर रही है। हमारी सरकार संस्थान से पक्षपात नहीं करती। कानून व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। सीएम महबूबा से इस मुद्दे पर बात हुई है। उन्होंने मुझे स्टूडेंट्स की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। महबूबा जी ने यह भी कहा है कि मामले की तह तक पहुंचने के लिए जिला स्तर की जांच कराई जा रही है।’
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इधर छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक वे कक्षाओं में नहीं जाएंगे। एचआरडी मंत्रालय को भेजे खत में छात्रों ने लिखा,’हम केवल दिल्ली में ही बात करेंगे। यहां तक एचआरडी मंत्री से भी हम यहां इस कैंपस में बात नहीं करेंगे।’ एचआरडी मंत्रालय की टीम में संजीव शर्मा, फजल महमूद और एनआईटी बोर्ड ऑफ गर्वनर्स चेयरमैन एमजे जराबी शामिल हैं। जराबी ने छात्रों से कहा,’ जो कुछ भी मैंने सुना उससे मैं दुखी हूं। हमने आपको धैर्य से सुन रहा हूं। कोई यहां बैठकर फैसला नहीं ले सकता।’
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राज्य के शिक्षा मंत्री नर्इम अख्तर ने कहा कि घाटी से बाहर के छात्र भी हमारे ही बच्चे हैं। उनके लिए सभी जरूरी सुरक्षा व्यवस्थाएं की जाएंगी। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने भी छात्रों से पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने कहा कि गैर स्थानीय छात्र हमारे मेहमान है और हम उनका स्वागत करते हैं।
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