देश के कई बैंकों से हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर विदेश भागने वाले शराब कारोबारी विजय माल्या और हीरा कारोबारी नीरव मोदी से 13,109 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सोमवार को बताया कि इन डिफॉल्टरों की संपंतियों को बेचकर बैंकों ने यह रकम वसूल की है।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस साल जुलाई में ही इस रिकवरी के बारे में जानकारी दी गई थी। हालांकि, सोमवार को आधिकारिक तौर पर वित्त मंत्री ने लोकसभा में इस रिकवरी की जानकारी दी।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले सात वर्ष में समझौते एवं अन्य उपायों से 5.49 लाख करोड़ रूपए की वसूली की है।

शराब कारोबारी विजय माल्या ने 2016 में देश छोड़ दिया था और ब्रिटेन चले गए थे। विजय माल्या पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एयरलाइंस कंपनी के लिए करीब 9000 करोड़ रुपए का लोन भारतीय बैंको से लिया और उसे बिना चुकाए हुए विदेश चले गए। सीबीआई और ईडी भी 9000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी के मामले में विजय माल्या के खिलाफ जांच कर रही है।

जबकि, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर पंजाब नैशनल बैंक से फर्जी दस्तावेजों के जरिए 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लोन न चुकाने का आरोप है। इस मामले में नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी, भाई निशल मोदी और मामा मेहुल चोकसी भी आरोपी हैं। धोखाधड़ी का ये मामला सामने आने के बाद मेहुल चोकसी भारत छोड़कर फरार हो गया था और उसने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। वहां से अचानक गायब होने के बाद चोकसी को डोमिनिका की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर पिछले हफ्ते लंदन हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस सुनवाई में भगोड़े हीरा कारोबारी के आर्थर जेल की स्थिति और चिकित्सा सुविधा को लेकर लगाए आरोपों को भारत ने खारिज किया था। भारत सरकार के वकीलों ने इस बात की पुष्टि की थी कि जेल में नीरव मोदी को अच्छा इलाज मिलेगा।