Nirav Modi Case:  तकरीबन 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का मुख्यारोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी शुक्रवार (29 मार्च, 2019) को लंदन स्थित वेस्टमिंस्टर कोर्ट में दूसरी बार जमानत अर्जी को लेकर पेश हुआ। भारतीय प्राधिकरण की ओर से क्राउन प्रोसेक्यूशन का पक्ष रखने वाले टोबी कैडमैन ने सुनवाई के दौरान बताया कि वह भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है। ऐसे में उन्हें भगोड़े हीरा कारोबारी के भाग जाने की आशंका सता रही है। उन्हें लगता है कि वह चश्मदीदों के बयान बदलवा सकता है। साथ ही वह सबूत भी मिटवा सकता है।

टोबी ने यह भी कहा कि नीरव मोदी ने आशीष लाद नाम के चश्मदीद को बुलाया था और उसे जान से मारने की धमकी दी थी। इससे पहले, क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने भारतीय प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में अतिरिक्त सबूतों के दस्तावेज पेश किए थे। मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने कहा, ‘‘यह महज कुछ कागजों वाली बड़ी फाइल है।’’ अर्बथनॉट ने दिसंबर, 2018 में भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था।

नीरव मोदी के वकीलों ने सुनवाई से पहले कहा कि वे प्रभावी जमानत याचिका पेश करने की कोशिश करेंगे, जबकि जिला न्यायाधीश मैरी मैलोन की कोर्ट में पहली सुनवाई में नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है। उसे स्कॉटलैंड यार्ड ने मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार किया था, जहां वह नया खाता खुलवाने गया था।

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मुख्य जांच अधिकारी सत्यव्रत कुमार भी हटे: नीरव मोदी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त निदेशक सत्यव्रत कुमार शुक्रवार को पद से हट गए। ऐसा इसलिए, क्योंकि पांच साल का उनका कार्यकाल पूरा हो गया। वह अब कोल ब्लॉक मामले में जांच की निगरानी करेंगे। दरअसल, पहले खबर आई थी कि उन्हें हटा दिया गया है। पर ईडी ने उन्हें हटाने की रिपोर्ट्स का सिरे से खंडन किया है।