पीएनबी घोटाले का आरोपी और डायमंड बिजनेसमैन नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद बुधवार (20 मार्च) को लंदन की वेस्टमिन्सटर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी। मामले की अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी। यानी तब तक नीरव मोदी को जेल के अंदर ही रहना होगा। विजय माल्या के वकील आनंद दूबे ने नीरव मोदी की भी केस में पैरवी की है। बता दें कि करीब 13,000 करोड़ रुपये का पीएनबी बैंक घोटाला का खुलासा होने के बाद नीरव मोदी विदेश भाग गया था, जिसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। हाल ही में नीरव मोदी को लंदन में देखा गया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने ब्रिटेन से नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत की इस अपील पर लंदन की अदालत ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। रायटर्स इंडिया की खबर के अनुसार, नीरव मोदी को मंगलवार (19 मार्च) को गिरफ्तार किया गया था।

यूके टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, नीरव मोदी फिलहाल लंदन के पॉश इलाके पॉइंट टावर ब्लॉक, लंदन में एक 3 बेडरुम के फ्लैट में रह रहा था। इस फ्लैट का किराया 17 हजार पौंड महीना बताया जा रहा है। नीरव मोदी के खिलाफ जांच सीबीआई और ईडी द्वारा की जा रही है। हाल ही में ईडी ने तो नीरव मोदी की 1,873 करोड़ रुपए की संपत्ति PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत अटैच भी की थी। इसके साथ ही नीरव मोदी के परिजनों से जुड़ी 489.75 करोड़ की संपत्ति भी ईडी द्वारा अटैच की गई है।

सीबीआई की मांग पर इंटरपोल द्वारा नीरव मोदी के खिलाफ बीते साल रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। 48 वर्षीय नीरव मोदी पर आरोपी है कि उसने अपने चाचा मेहुल चोकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई शाखा में करीब 13000 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। यह घोटाला LoU (Letter of Undertaking) द्वारा किया गया। नीरव मोदी ने इन LoU की मदद से बैंक से भारी कर्ज लिया, जिसका भुगतान नहीं किया गया। LoU एक तरह की गारंटी होती है, जो कि बैंक द्वारा किसी व्यक्ति को जारी की जाती है। इस LoU की मदद से व्यक्ति बैंक की ओवरसीज ब्रांच से शॉर्ट टर्म कर्ज ले सकता है। घोटाले के खुलासे के बाद बीते साल जनवरी से ही नीरव मोदी और मेहुल चोकसी फरार थे। मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में होने का पता चला था। वहीं बीते दिनों मेहुल चोकसी को लंदन की सड़कों पर घूमते देखा गया था। बीते साल जुलाई अगस्त से भारतीय जांच एजेंसियां नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुट गई थीं।