MEA on Pakistan High Commission Iftar Party: दिल्ली में मौजूद पाकिस्तान हाई कमीशन की इफ्तार पार्टी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब सवाल किया गया कि क्या किसी भारतीय अधिकारी को आमंत्रित किया गया था तो उन्होंने जवाब दिया कि इसके विषय में फिलहाल पुख्ता जानकारी नहीं है लेकिन जहां तक निमंत्रण का सवाल है तो निमंत्रण का आदर करते हैं मगर निमंत्रण को स्वीकार करना तो रिश्तों पर निर्भर करता है। दो दिन पहले हमने जो स्टेटमेंट जारी किया है उस बयान को अगर पैनी नजर से देख लें तो आपको सब का जवाब मिल जाएगा।
जायसवाल ने कहा, ‘हमने पाया है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के बारे में कुछ टिप्पणियां की हैं। दुनिया जानती है कि असली मुद्दा पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना और प्रायोजित करना है। वास्तव में यह क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी बाधा है। झूठ फैलाने के बजाय पाकिस्तान को अपने अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।’
भारत का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा
गुरुवार को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान के नेशनल डे समारोह में भारत की ओर से कोई भी मौजूद नहीं था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रभारी साद वराइच ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है और आपसी समझ, चिंताओं को दूर करने और जम्मू-कश्मीर समेत लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को सुलझाने से एक नई सुबह हो सकती है। पिछले साल भी पाकिस्तान ने कई भारतीय सरकारी अधिकारियों को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई भी शामिल नहीं हुआ।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लेकर क्या कहा था?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ एक खुलकर बातचीत में पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने की अपनी कोशिशों को शेयर किया था। इसमें तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित करना भी शामिल था। हालांकि, पीएम मोदी ने कहा कि शांति को बढ़ावा देने की हर कोशिश का सामना दुश्मनी और विश्वासघात से हुआ।
पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में कहा, ‘मैं शांति की तलाश में व्यक्तिगत रूप से लाहौर भी गया था। जब मैं प्रधानमंत्री बना, तो मैंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को विशेष रूप से आमंत्रित किया ताकि हम एक नई शुरुआत कर सकें। फिर भी, शांति को बढ़ावा देने के हर नेक प्रयास का सामना दुश्मनी और विश्वासघात से हुआ।’ पढ़ें पूरी खबर…