कई दिनों से इस बात की चर्चा है कि कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना उर्फ राम्या को किनारे कर दिया गया है। अब खबर आ रही है कि उन्हें अपने कनिष्ठ निखिल अल्वा को सारी जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश मिला है। कन्नड़ अभिनेत्री से नेता बनीं राम्या ने कांग्रेस के सोशल मीडिया विंग को न केवल नई पहचान दी है बल्कि गुजरात चुनावों में अपने सोशल मीडिया कैम्पेन के जरिए भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुकी हैं। निखिल अल्वा कांग्रेस की दिग्गज नेता और पूर्व गवर्नर मार्गरेट अल्वा के बेटे हैं।

रेडिफ.कॉम के मुताबिक राम्या का मानना है कि पार्टी की पावरफुल लॉबी ने ही उनके लिए मुश्किलें खड़ी की हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी तक मनगढ़ंत कहानियां पहुंचाई हैं। कहा जाता है कि पार्टी में राम्या को तब से परेशानी होनी शुरू हुई जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश को पार्टी के चुनाव अभियान की कॉर्डिनेशन कमेटी का जिम्मा दिया गया। कहा जा रहा है कि जयराम रमेश ने ही निखिल अल्वा का नाम आगे बढ़ाया और सिफारिश की कि वो राहुल गांधी का ट्विटर हैंडल संभालें। इसके बाद दिव्या साइडलाइन हो गईं। दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों लोग (जयराम रमेश, निखिल अल्वा और दिव्या स्पंदना) कन्नड़भाषी और कर्नाटक निवासी हैं।

हालांकि, ‘आज तक’ से बातचीत में दिव्या ने इस प्रकरण को गॉसिप करार दिया है और कहा है कि वह अपना मिशन 2019 पूरा करने तक कहीं नहीं जा रहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें राहुल गांदी पर पूरा भरोसा है और राहुल को भी उन पर पूरा भरोसा है। जयराम रमेश के बारे में दिव्या ने कहा कि उनका रवैया हमेशा मददगार और सहयोगपूर्ण रहा है। उन्होंने कहा कि जयराम रमेश के आने के बाद से कांग्रेस के सोशल मीडिया विंग में कुछ भी नहीं बदला है। सभी लोग कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।