लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा को नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने समन भेजा है। उन्हें सिख फॉर जस्टिस (SFJ) संगठन से संबंध के मामले में समन भेजा गया है। सरकार के साथ चल रही बातचीत में वह भी शामिल हैं। 17 जनवरी को उन्हें नई दिल्ली में एनआईए के हेडक्वार्टर में रिपोर्ट करना है।
उनसे एसएफजे के गुरपंतवंत सिंह पन्नू के बारे में पूछताछ की जानी है। आरपो है कि पन्नू ने लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और कानून व्यवस्था को बिगाड़कर हिंसा फैलवाने की कोशिश की। सिरसा ने इस मामले में कहा है कि समन भेजकर यह आंदोलन को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है।
शुक्रवार को IBIWS की तरफ से पूरन सिंह नौवें चरण की चर्चा में शामिल हुए थे। सिरसा ने कहा, ‘पहले तो सरकार सुप्रीम कोर्ट का प्रयोग करके किसान आंदोलन को भटकाने के प्रयास कर रही है और अब एनआईए का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।’ मंगलवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जानकारी मिली है कि आंदोलन में खालिस्तानी संगठन भी शामिल हो रहे हैं।
कई लोगों को एनआईऐ ने समन भेजा है। बलदेव सिंह सिरसा भी उनमें से एक हैं। सिरसा ने कहा, ‘सरकार उन लोगों को आतंकवादी साबित करना चाहती है जो प्रदर्शन कर रहे हैं। हम इससे डरने वाले नहीं हैं। सरकार को झुकना होगा। एनआईए लगातार किसान आंदोलन को खत्म करवाने की कोशिश में है। इससे साबित होता है कि सरकार घुटने टेक रही है।’
एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस संगठन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कि है और उसपर साजिश करने का आरोप है। कहा गया है कि आंदोलन के लिए फंड खालिस्तान समर्थक संगठन भी भेज रहे हैं। एफआईआर के मुताबिक पन्नू ने सरकार के खिलाफ साजिश रची है और वह किसानों को भड़काने की भी कोशिश कर रहा है। उधर किसान रिपब्लिक डे पर ट्रैक्टर ट्रॉली रैली की भी योजना बना रहे हैं। निहंग कम्युनिटी के लोगों ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर के आसपास घोड़े से परेड की। इसमें लगभग 50 घुड़सवार शरीक हुए। 15 किलोमीटर तक इस परेड का रिहर्सल किया गया।
