अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो कार से जुड़ा मामला अब एक नया मोड़ ले रहा है। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जांच अधिकारी सचिन वाजे को ही इसका आरोपी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने वाजे को सस्पेंड कर दिया है।

एनआईए के मुताबिक अंबानी के घर के बाहर जो स्कॉर्पियो कार पार्क की गई थी उसके पीछे मुंबई पुलिस के इस सुपरकॉप का हाथ है। एनआईए ने वाजे को हिरासत में लेने के लिए रविवार को कोर्ट में एक रिमांड रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइमा फेसी में ऐसा लगता है कि सचिन वाजे ने 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के आवास के पास विस्फोटकों से भरी एसयूवी पार्क की थी। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जांच के दौरान एनआईए ने वाजे की पहचान की है।

जांच में पाया गया है कि अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो पार्क करने के बाद जो शख्स पीपीई किट पहने सीसीटीवी में दिख रहा है वह वाजे ही हैं। एनआईए आईजी अनिल शुक्ला ने कहा कि जांचकर्ताओं को स्कॉर्पियो में इस्तेमाल की गई जो फर्जी नंबर प्लेट मिली थी वह वाजे द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ब्लैक मर्सिडीज कार की है।

शुक्ला ने कहा कि वह मर्सिडीज दक्षिण मुंबई की एक पार्किंग से मिली है। उसमें 5 लाख रुपये नकद और कुछ कपड़े पाये गए हैं। कार से पैसे गिनने की एक मशीन और मिट्टी तेल बरामद किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि एनआईए की जांच में पाया गया है कि वाजे इस घटना के आठ दिन पहले ठाणे स्थित ऑटो डेकोरेशन शॉप के मालिक मनसुख हिरन से 17 फरवरी को मिले थे। बता दें अंबानी के घर के बाहर जो स्कॉर्पियो मिली थी उसके मालिक मनसुख हिरन ही थे।

वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, एनआईए को संदेह है कि एसयूवी की चाबी बाद में वाजे ने किसी व्यक्ति को सौंप दी थी, यह शख्स कार को विक्रोली से ठाणे ले गया और अंबानी के घर के बाहर पार्क करने से पहले उसने इस एसयूवी को कुछ दिन अपनी सोसाइटी रखा।

मंगलवार को द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया कि मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट ने 27 फरवरी को हाउसिंग सोसाइटी से सभी सीसीटीवी फुटेज ले लिए थे। अपनी रिमांड रिपोर्ट में, एनआईए ने कहा है कि मनसुख हिरन की मौत, विक्रोली में की गई शिकायत और अंबानी के घर के बाहर रखे गए बॉम्ब का एक दूसरे से कनैक्शन है। पहले दो केसों की जांच महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक (ATS) द्वारा की जा रही है, वहीं तीसरे मामले की जांच एनआईए कर रही है।

एनआईए ने वाजे पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया है, जिसमें साजिश, धमकी जैसे गंभीर आरोप हैं। वाजे के खिलाफ आपराधिक साजिश के लिए धारा 120 बी, विस्फोटक केस में लापरवाही के लिए धारा 286, जालसाजी के लिए धारा 465, जाली सील के इस्तेमाल के लिए धारा 473 और धमकी देने के लिए धारा 506 (2) के तहत केस दर्ज किया है।