आतंकी संगठन को खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में एक एनआईए के पूर्व अधिकारी एडी नेगी को गिरफ्तार किया गया है। उससे पहले इस आईपीएस के घर को भी सील किया जा चुका है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पूर्व अधिकारी और आईपीएस एडी नेगी पर पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा को संवेदनशील जानकारी लीक करने का आरोप लगा है। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस अधीक्षक एडी नेगी ने एनआईए में एक जांच अधिकारी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में लश्कर के एक ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के साथ संवेदनशील जानकारी साझा की थी।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक आधिकारिक बयान में कहा- “जांच के दौरान, शिमला में तैनात एडी नेगी, आईपीएस, एसपी (एनआईए से प्रत्यावर्तित होने के बाद से) की भूमिका की पुष्टि की गई और उनके घर की तलाशी ली गई। यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गुप्त दस्तावेज एडी नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो इस मामले में लश्कर का एक ओजीडब्ल्यू है।

एनआईए के अनुसार यह मामला 6 नवंबर, 2021 को दर्ज किया गया था। इससे पहले भी एनआईए ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में पूर्व एनआईए अधिकारी के घर पर 22 नवंबर को एजेंसी ने छापा मारा था। इसी छापे के बाद नेगी के घर को भी सील कर दिया गया था।

हिमाचल प्रदेश कैडर के अधिकारी एडी नेगी जो वर्तमान में एसपी के पद पर शिमला में तैनात हैं, उन्हें 2011 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था। उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक एनआईए में काम किया है। एजेंसी की प्रमुख जांच में भी वो शामिल रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, नेगी एनआईए के सबसे प्रतिष्ठित अधिकारियों में से एक थे। हालांकि बाद में खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद सवालों के घेरे में आ गए थे।

नेगी को हुर्रियत नेतृत्व से जुड़े जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले की जांच के लिए वीरता पदक भी मिला था। इन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह के मामले की भी जांच की थी, जो अपनी कार में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को घाटी से जम्मू ले जाते हुए पकड़ा गया था।