प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऑड-ईवन फार्मूला पर चल चर्चा के बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली में नई डीजल गाड़ी के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने केंद्र और राज्य सरकार से भी कहा है कि वे अपने विभागों के लिए कोई भी डीजल गाड़ी नहीं खरीदें। साथ ही दिल्ली सरकार से राय मांगी है कि क्या ऐसा हो सकता है कि दिल्ली में सभी प्रकार के डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी जाए? सरकार इस पर विचार करे। एनजीटी ने सख्ती से कहा कि दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का एनसीआर में रजिस्ट्रेशन न किया जाए।
जानकारी के मुताबिक, एनजीटी ने दिल्ली में ‘ऑड-ईवन’ नंबर की गाड़ी चलाए जाने के अरविंद केजरीवाल सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। एनजीटी का कहना है कि यह फार्मूला कामयाब नहीं हो पाएगा। इससे प्रदूषण कम नहीं किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, इस फार्मूले के कारण लोग दो कार खरीदने लगेंगे, जिससे सड़कों पर कारों की संख्या और बढ़ जाएगी। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा है कि ‘ऑड-ईवन’ फॉर्मूले को लेकर उसके प्लान क्या हैं? इसको सफल बनाने को लेकर क्या तैयारी की है? एनजीटी ने सवाल करते हुए कहा है कि पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि वाहनों से सबसे ज़्यादा प्रदूषण नहीं होता तो फिर ये फॉर्मूला क्यों लाया जा रहा है? ट्रिब्यूनल ने दिल्ली सरकार से यह भी पूछा है कि सार्वजनिक जगहों पर कूड़ा जलाने से लोगों को क्यों नहीं रोका जा रहा है? एनजीटी ने प्रदूषण से छात्रों को होने वाले नुकसान को लेकर पूछा है कि स्कूलों में अभी तक वॉटर प्यूरीफायर क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं?
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार एक जनवरी से ऑड-ईवन सिस्टम सुबह आठ से रात आठ बजे तक लागू करने जा रही है। 1 जनवरी को ईवन नंबर जैसे 1, 3, 5, 7, 9 नंबर की गाड़ियां चलेंगी! वहीं 2 तारीख को 2, 4, 6, 8, 0 नंबर की गाड़ियां चलेंगी। सुबह आठ बजे से पहले और रात को आठ बजे के बाद सभी नंबर की गाड़ियां सड़क पर चलाने की छूट होगी। रविवार को गाड़ियों पर ऑड-ईवन फॉर्म्युला लागू नहीं होगा, यानी सभी नंबर की गाड़ियां चलेंगी।
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