न्यूज 24 पर डिबेट के दौरान एंकर मानक गुप्ता ने जेजेपी प्रवक्ता से पूछा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार को 55 विधायकों का समर्थन क्या संदेश देता है? इस पर जेजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जिस समर्थन के साथ राज्य में सरकार बनी थी आज भी उतने ही विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस के साथ 30 विधायक हैं और दो निर्दलीय हैं। खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, कांग्रेस प्रवक्ता जो भी बातें कहें लेकिन कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी उसकी हार कांग्रेस को स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस को अब 6 महीने तक अपना मुंह बंद रखना होगा। आज कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की राज्य विधानसभा में इतनी फजीहत हुई है। सदन में कांग्रेस नेताओं ने कृषि कानूनों को लेकर कोई बात नहीं की। भूपिंदर हुड्डा ने उठते ही कहा कि मैं कृषि कानूनों पर बात नहीं करूंगा। हुड्डा ने अपने भाषण में कृषि कानूनों को लेकर बात नहीं की।
इस पर एंकर ने पूछा कि कांग्रेस ने तो कहा कि उनका मकसद आपकी सरकार गिराना था ही नहीं बल्कि जेजेपी की सच्चाई बताना था कि वह कानूनों का समर्थन कर रही है? अब तो आपके विधायकों को लट्ठ पड़ेंगे? जवाब में जेजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस को गलतफहमी है कि किसान उनकी सुनते हैं। कांग्रेस किसानों का पर्याय नहीं है। वहीं, डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता से एंकर ने पूछा कि 90 में से 55 विधायक सरकार के साथ हैं?
इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ विधायकों की मजबूरी है कि वे पार्टी से बाहर नहीं जा सकते हैं। एंकर ने पूछा कि क्या आप बीजेपी और जेजेपी विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन उनके पास तो बहुमत से भी ज्यादा सीटें हैं, क्या दांव उल्टा पड़ गया? इस पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम विधायकों को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रहे थे। आज बीजेपी जेजेपी नेताओं की ये स्थिति है कि वे अपनी विधानसभा में नहीं जा सकते हैं।
विधानसभा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत कांग्रेस विधायकों की बहुत फजीहत हुई : @DKSaharan (JJP प्रवक्ता)@manakgupta #RashtraKiBaat#HaryanaNoConfidenceMotion #Haryana #FarmersProtest pic.twitter.com/r0ZV12qBDd
— News24 (@news24tvchannel) March 10, 2021
बता दें कि हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने आज राज्य विधानसभा में कांग्रेस द्वारा पारित अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया। सत्तारूढ़ भाजपा-जेजेपी गठबंधन के पास 55 वोट थे, जबकि विपक्ष के पास 32 वोट।
कांग्रेस ने दावा किया था कि सरकार का समर्थन करने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
हालांकि, पार्टी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि यह कवायद उन विधायकों को बेनकाब करने के लिए थी जो कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि हरियाणा के कई हिस्सों में कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले विधायकों का बहिष्कार किया जा रहा है।