न्यूजीलैंड के उच्चायोग को ऑक्सीजन की जरूरत थी। किसी ने ट्वीट कर दिया। यूथ कांग्रेस वाले उच्चायोग के गेट पर सिलेंडर लेकर खड़े हो गए और कांग्रेस ने सरकार की खिंचाई शुरू कर दी। न्यूजीलैंड उच्चायोग ने यह देखकर ट्वीट हटा लिया।
पेंच यह फंसा कि ऑक्सीजन की मांग करने वाले ने ट्वीट में @sosiyc और @srinivasiyc को टैग कर रखा था। ये दोनों ट्विटर हैंडिल यूथ कांग्रेस से जुड़े है। पहले वाला मौजूदा समय में कोरोना मरीजों को पहुंचाने के अभियान का नाम है जबकि दूसरा यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास का ट्विटर हैंडल है। ट्विटर पर इन दिनों सिलेंडर या अस्पताल का बेड चाहने वाला इन दोनों हैंडिल को जरूर टैग करता है।
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सो, न्यूजीलैंड के दिल्ली स्थित हाइकमीशन में भी जब किसी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी तो उसने इन दोनों कांग्रेसी ट्विटर हैंडिलों को टैग कर दिया। यूथ कांग्रेस वाले बिना देर किए सिलिंडर लेकर न्यूजीलैंड हाइकमीशन के गेट पर पहुंच गए। फोटो खिंचवाई और वे भी ट्वीट कर दीं।
चूंकि सिलेंडर लेकर युवा कांग्रेसी ही गए थे, नतीजतन कांग्रेस के दिग्गजों तक बात पहुंची। लेकिन इसके पहले वे केंद्र सरकार के खिलाफ फजीहतनामा लिखते न्यूजीलैंड हाइकमीशन ने अपना ट्वीट हटा लिया। बाद में एक ट्वीट में हाइकमीशन ने लिखा कि हम कई स्रोतों से ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतजाम करने की कोशिश कर रहे हैं। दुर्भाग्य से हमारी अपील को गलत ढंग से लिया गया। हमें इसका खेद है।
इसके एक दिन पहले फिलीपींस एम्बेसी का मामला भी हुआ था। वहां भी यूथ कांग्रेस सिलेंडर लेकर पहुंच गई थी। इस बाबत विदेश मंत्रालय ने लिखा है कि फिलीपींस एंबेसी में न तो कोई कोविड रोगी था और न ही उन्होंने इसकी मांग की थी। मंत्रालय ने ट्वीट में किल्लत के समय कीमती गैस की बर्बादी पर अफसोस जताया है।
इस बीच यूथ कांग्रेस ने एक ट्वीट में वीडियो डाल के बताया है कि न्यूजीलैंड हाइकमीशन ने उनकी भेजी ऑक्सीजन ले ली है। ट्विटर पर इस मामले पर खूब सक्रियता रही। सरकार विरोधी और समर्थक एक दूसरे से भिड़े रहे।