New Shivaji Maharaj Statue: सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने वहां 60 फुट ऊंची नई मूर्ति के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया है, जो पिछली मूर्ति से लगभग दोगुनी बड़ी होगी। अधिकारियों ने बुधवार (25 सितंबर, 2024) को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा का निर्माण 20 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और सरकार ने काम पूरा करने के लिए छह महीने की समयसीमा तय की है।

राजकोट किले में लगी शिवाजी की 35 फ़ुट की मूर्ति 26 अगस्त को ढह गई थी। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य के उप मुख्यमंत्री अजित पवार को भी माफी मांगनी पड़ी थी।

शिवाजी की इस प्रतिमा का अनावरण बीते साल प्रधानमंत्री मोदी ने नौसेना दिवस के दिन किया था। इस मूर्ति को लगाने का उद्देश्य शिवाजी की मराठा नौसेना और समुद्री सीमाओं की रक्षा की उनकी कोशिशों के प्रति सम्मान दिखाना था। मूर्ति के ढहने के बाद विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने सत्ताधारी बीजेपी-शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट)-एनसीपी (अजित पवार गुट) गठबंधन पर निशाना साधा था।

शिवाजी की मूर्ति ढहने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। मूर्ति के ढहने से भावनात्मक आक्रोश और वाकयुद्ध शुरू हो गया था। महाराष्ट्र सरकार ने शुरू में भारतीय नौसेना पर दोष मढ़ने की कोशिश की, जिसने मूर्ति बनवाई थी, लेकिन जल्द ही वह पीछे हट गई और उसी स्थान पर और भी बड़ी मूर्ति बनवाने का वादा किया था। विपक्ष ने सरकार पर मूर्ति के निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विरोध मार्च निकाला था। महाराष्ट्र में कुछ ही महीने में विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में इस मुद्दे पर राजनीति होना स्वाभाविक है।

पीएम मोदी को मांगनी पड़ी थी माफी

इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्रपति शिवाजी से माफी मांगी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में महाराष्ट्र में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं इस घटना पर सिर झुकाकर माफ़ी मांगता हूं। हमारे लिए शिवाजी आराध्य देव हैं। उन्होंने यह बयान राज्य के पालघर ज़िले में वधावन बंदरगाह परियोजना के शिलान्यास समारोह के दौरान दिया था। मोदी ने कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल हमारे लिए एक महान व्यक्ति हैं, बल्कि वह हमारे आदर्श हैं। मैं उस मूर्ति के चरणों में झुक रहा हूं और अब उनसे माफ़ी मांग रहा हूं।