पुरानी संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के जरिए किया गया था। अब रविवार (28 मई) को देश की यह अहम इमारत इतिहास के पन्नों में अपने अतीत की पुरानी यादों को लिए दर्ज हो जाएगी। संसद की नई इमारत के उद्घाटन की तैयारियों का जैसा माहौल इन दिनों है ठीक ऐसा ही 1927 में भी था।

6 साल में बनकर तैयार हुई पुरानी संसद

इतिहास के पन्नों में दर्ज गवाहियों के मुताबिक 18 जनवरी, 1927 को राजसी भवन, जिसे तब काउंसिल हाउस कहा जाता था, के उद्घाटन के लिए एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था। देश की आज़ादी से ठीक 26 साल पहले ब्रिटेन के ड्यूक ऑफ कनॉट ने 12 फरवरी, 1921 को संसद भवन की आधारशिला रखी थी और कहा था कि यह “भारत के पुनर्जन्म के प्रतीक के रूप याद की जाने वाली इमारत होगी”।

इस इमारत को सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था, जिन्होंने सर एडविन लुटियंस के साथ दिल्ली में नई शाही राजधानी को डिजाइन करने के लिए चुना था। 12 फरवरी 1921 में शिलान्‍यास के बाद करीब 6 साल तक इस इमारत को बनाने का काम हुआ था। इस तरह पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था। तब इसे बनाने पर 83 लाख रुपये खर्च हुए थे, वहीं आज नए भवन को बनाने में करीब 862 करोड़ रुपये खर्च आया है।

बीबीसी की एक खबर के मुताबिक वर्ष 1956 में आउटबिल्डिंग की अतिरिक्त दो मंजिलों का निर्माण किया गया था ताकि प्रेस, मंत्रियों के कक्ष, पार्टियों के कार्यालय, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित पदाधिकारी आदि को शामिल किया जा सके। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुकार जे.एम. बेंजामिन और वरिष्ठ वास्तुकार के.आर. जानी द्वारा इसे डिज़ाइन किया गया था। अगस्त 1970 में तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि द्वारा इसका शिलान्यास किया गया था और अक्टूबर 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एनेक्सी भवन का उद्घाटन किया था।