डीजल के थोक उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के मुताबिक थोक ग्राहकों के लिए डीजल 25 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में करीब 40% की उछाल के बाद लिया गया है। पेट्रोल पंपों के जरिए बिक्री की जाने वाली डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। मार्च महीने में ही पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20% का उछाल आया है।
थोक ग्राहकों के लिए दाम बढ़ने के बाद मुंबई में डीजल की कीमत ₹122.05 हो गई है जबकि खुदरा कीमत ₹94.14 है। जबकि दिल्ली में थोक ग्राहकों के लिए डीजल की कीमत करीब 115 रुपए है, वहीं खुदरा कीमत करीब 87 रुपए है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने 4 नवंबर 2021 के बाद दामों में बढ़ोतरी नहीं की थी। उन पर आरोप भी लगता है कि उन्होंने 5 राज्यों के चुनाव को देखते हुए ऐसा फैसला किया था, ताकि बीजेपी को फायदा हो।
बता दें कि बस बेड़े के मालिकों ने और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने भी पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। अमूमन ये सीधे तेल कंपनियों से तेल खरीदते हैं। इससे तेल की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान भी बड़ा है और इससे सबसे अधिक नुकसान नायरा एनर्जी ,जियो बीपी और सेल जैसी कंपनियां का हुआ है।
बता दें कि 2008 में रिलायंस को अपने सभी पेट्रोल पंपों को बंद करना पड़ा था, क्योंकि वह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से अपने दाम को नहीं मैच कर पा रहा था। जिसके कारण लगातार रिलायंस के पेट्रोल पंप को घाटा हो रहा था। प्राइवेट तेल कंपनियों ने इस बार भी ऐसी ही आशंका जताई है। लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने भी दाम बढ़ा दिए हैं जिसके बाद प्राइवेट तेल कंपनियों ने भी राहत की सांस ली है।
बता दें कि 10 दिन पहले ही देश में पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हुए हैं और पिछले कई महीनों से खुदरा ग्राहकों के लिए भी तेल के दामों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि देश में चर्चाएं चलती रहती है कि चुनाव खत्म हो चुके हैं, सरकार तेल के दाम बढ़ाएगी।