भारत और रूस के बीच शुक्रवार (पांच अक्टूबर) को एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील समेत कई अहम समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। देश की राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साझा बयान जारी किए। पीएम मोदी ने कहा, “भारत के रूस के साथ गहरे संबंध हैं। हमारे संबंधों को नई ऊर्जा और दिशा मिली है। हम रूस की भागीदारी का स्वागत करते हैं। आने वाले समय में दोनों देशों और मजबूत होंगे।” एमओयू के तहत भारत अंतरिक्ष योजना, आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में रूस का साथ देगा।

पीएम ने आगे कहा, “हम रूस के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देते हैं। रूस हमेशा से हमारे देश के विकास में भागीदार रहा है। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष से निपटने, अफगानिस्तान और इंडो-पैसिफिक इवेंट्स, जलवायु परिवर्तन और एससीओ, ब्रिक्स, जी-20 व आसियान सरीखे संगठनों में दोनों देशों के हित एक ही हैं। हमने आगे भी इन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ ताल-मेल बिठाने पर सहमति जताई है।”

देखें पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन का साझा बयान-

पुतिन ने अपनी बारी आने पर बताया, “भारतीय पीएम को मुझे दोबारा व्लादिवोस्तोक फोरम में बतौर मुख्य अतिथि न्यौता देते हुए खुशी हो रही है।” उन्होंने इसके अलावा पीएम मोदी को सीरिया के हालात से भी अवगत कराया। उन्होंने आगे कहा, “इरान डील से अमेरिका के पीछे हटने के परिणाम पर भी हम लोगों ने चर्चा की।”

आपको बता दें कि पुतिन दो दिनों के भारत दौरे पर हैं। बृहस्पतिवार (चार अक्टूबर) को वह दिल्ली पहुंचे, जहां उनकी अगवानी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने की। रात में पीएम ने सरकारी आवास पर रूसी राष्ट्रपति के लिए रात्रि भोज आयोजित कराया, जहां दोनों नेताओं के बीच उस दौरान द्विपक्षीय सहयोग व रणनीतिक मुद्दों सहित अन्य ज्वलनशील मुद्दों पर बात हुई।

पुतिन संग रूस से एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं। पीएम ने बैठक से पहले ट्वीट किया था, “राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है। बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे।”

क्या है S-400 मिसाइल डील?: भारत की सबसे बड़ी डिफेंस डील्स में शामिल हुई S-400 डील एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है। ये दुश्मन के क्रूज, विमानों और बैलेस्टिक मिसाइल्स को आसमान में नेस्तनाबूद करने की क्षमता रखती है। यह एक राउंड में 36 वार तक कर सकती है। देश को इसके लिए लगभग 40 हजार करोड़ रुपए खर्चने पड़ेंगे।

(पीटीआई इनपुट के साथ)