Congress President Election Held: सोमवार (17अक्टूबर) को कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव संपन्न हो गए हैं। इस चुनाव के बाद एक बार फिर 22 सालों के बाद कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार से बाहर किसी के हाथ में जाएगा। हालांकि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई भी बने लेकिन उसे गांधी परिवार की बात माननी ही पड़ेगी। ये मानना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम का। एनडीटीवी के मुताबिक चिदंबरम ने कहा, “कोई नहीं कह रहा है कि गांधी परिवार की आवाज कम हो जाएगी, नए अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी), संसदीय बोर्ड और पार्टी मंचों पर उनके विचारों पर गौर करना होगा।”
आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम कांग्रेस में उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने सुधारों की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में चुनावों की बात कही थी। चिदंबरम ने भी गांधी परिवार द्वारा रिमोट से अध्यक्ष को कंट्रोल करने की बात को खारिज किया। उन्होंने सवाल किया, “गांधी के रिमोट कंट्रोलिंग का आरोप एक धारणा है। आपको लगता है कि चुनाव के माध्यम से जिला स्तर पर नेताओं के चुने जाने के बाद गांधीवादी हुक्म चलाने में सक्षम होंगे?”
चिदंबरम ने बताए नए चुने जाने वाले अध्यक्ष के काम
उन्होंने कहा कि नए कांग्रेस अध्यक्ष का पहला काम होगा कि वो पूरे संगठन को ठीक करे, चुनाव करवाए और टीम बनवाए। उन्होंने आगे कहा, “राजनीतिक तापमान एक पार्टी द्वारा बढ़ाया जा सकता है। लेकिन एक उचित पार्टी संरचना मौजूद होनी चाहिए और यह 15 महीनों में किया जा सकता है।” आजादी के बाद 137 साल पुरानी पार्टी में यह छठा वास्तविक चुनाव है। अपने अधिकांश इतिहास के लिए, नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य निर्विरोध चुने गए हैं।
पी चिदंबरम ने पहली बार आंतरिक चुनाव में वोट किया
पी चिदंबरम के लिए कांग्रेस में आंतरिक चुनाव में यह उनका पहला वोट था। इसके पहले साल 1997 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और अलग हो चुकी तमिल मनीला कांग्रेस में शामिल हो गए। वह 2004 के राष्ट्रीय चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। चिदंबरम ने बताया,’आज मैं पहला मतदाता था। हम तीन थे, मैंने पहले मतदान किया। मुझे लगता है कि इस प्रक्रिया को अंजाम देना महत्वपूर्ण है। और चुनाव को जिला और राज्य स्तर तक ले जाएं।’ उन्होने आगे कहा, ‘इस प्रक्रिया का मतलब है कि हम पार्टी को नए लोगों के लिए नए रास्ते खोल रहे हैं।’