Shashi Tharoor vs Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए सोमवार (17 अक्टूबर, 2022) को वोटिंग संपन्न हो चुकी है। कुल 90 फीसदी वोटिंग हुई है। 19 अक्टूबर को वोटों की गिनती की जाएगी। कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए हुई वोटिंग में आज (17 अक्टूबर) 9,500 प्रतिनिधियों ने मतदान किया। कुल मिलाकर, 96% मतदान राज्यों में हुआ। कोई अप्रिय घटना नहीं हुई…3 मतपेटियां प्राप्त हुई हैं। 87 लोगों ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी दिल्ली में मतदान किया। कांग्रेस के 137 सालों के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद का चुनाव हो रहा है। इस चुनाव के साथ ही अब 22 सालों के बाद ये पहला मौका होगा जब गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा।
कांग्रेस के लिए आज ऐतिहासिक दिन
बेंगलुरु में वोटिंग के दौरान कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। आज यहां 490 लोगों ने मतदान किया। वोटिंग पारदर्शी तरीके से हो रही है और इससे देश को फायदा होगा। वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी इसे ऐतिहासिक दिन बताया है और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 22 साल बाद हो रहा है। यह चुनाव पार्टी में आंतरिक सद्भाव का संदेश देता है। गांधी परिवार से मेरे संबंध 19 अक्टूबर (मतगणना के दिन) के बाद भी ऐसी ही रहेंगे।
एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे हैं, जो पार्टी के दिग्गज नेता हैं और पार्टी नेतृत्व के काफी करीब भी हैं। ऐसे में उन्हें अनौपचारिक आधिकारिक उम्मीदवार के तौर पर समर्थन के साथ जोरदार जीत हासिल करने का भरोसा है। दूसरी तरफ शशि थरूर हैं, जिन्हें उस खेमे का छिपा हुए या कहिए की एक साइलेंट समर्थन प्राप्त है, जो पार्टी में बदलाव के लिए तरस रहे हैं।
दोनों उम्मीदवारों के लिए यह दौड़ बेहद उत्साही और व्यस्त रही। राज्यों के दौरे कर पार्टी नेताओं से मुलाकात, सोशल मीडिया प्रचार, घोषणापत्र, मीडिया इंटरेक्शन, इंटरव्यू, इन 10 दिनों में दोनों नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। इस दौरान थरूर की तरफ से खड़गे को लेकर अलग-अलग टिप्पणियां की गईं। कभी उन्होंने खड़गे को ज्यादा समर्थन मिलने की बात कही, तो कभी उन्हें गांधी परिवार का फेवरेट तक बता दिया।
थरूर ने पिछले दस दिनों में 10 राज्यों का दौरा किया, हालांकि, उन्हें मध्य प्रदेश के अलावा, बाकी राज्यों में काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली। इसके विपरीत, पीसीसी अध्यक्षों और सीएलपी नेताओं से लेकर राज्य पदाधिकारी खड़गे के साथ काफी गर्मजोशी से मिले। किसी ने नहीं सोचा था कि अध्यक्ष पद के रेस में सबसे आगे चल रहे खड़गे इतना व्यस्त अभियान चलाएंगे। उन्होंने दस दिनों में 14 राज्यों की यात्रा की और 20 से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पीसीसी प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी खड़गे के लिए अपना समर्थन जताया, जिसके बाद थरूर ने उन पार्टी नेताओं के खिलाफ एक्शन की आवाज उठाई थी, जो किसी उम्मीदवार के लिए कैंपेनिंग कर रहे हैं। उनका कहना था कि पार्टी नेतृत्व ने निष्पक्ष चुनाव का वादा किया था, तो कोई नेता अगर किसी उम्मीवार के लिए ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पार्टी में काफी उथल-पुथल देखने को मिली। मल्लिकार्जुन खड़गे से पहले अध्यक्ष पद की रेस में राजस्थान सीएम अशोक गहलोत थे, लेकिन उनके राज्य में सियासी संकट के चलते वह रेस से बाहर हो गए। वहीं, शशि थरूर ने सोनिया गांधी से मिलकर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी।