नीट पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि दोबारा परीक्षा नहीं करवाई जा सकती है। दो टूक कहा गया है कि पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं। अब कोर्ट के इस फैसले से शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खासा खुश हैं। उन्होंने कहा है कि विपक्ष को अब छात्रों से माफी मांगनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जब NEET का मामला जब से सामने आया है आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई। कल तक लोकसभा के विपक्ष के नेता ने जो रवैया अपनाया था… उनकी मानसिक स्थिति का पता चलता है… इसकी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने भारत की आलोचना की है। देश के छात्रों को गुमराह करना, भ्रम पैदा करना और उन्हें सामाजिक तनाव के लिए उकसाना, ये सब उनकी राजनीति का सुनियोजित हिस्सा था। देश में चुनावी नतीजों को नकार कर अराजकता और नागरिक अशांति उनकी रणनीति का हिस्सा बन गई है। मैं उनसे और विपक्ष के सभी लोगों से अपील करता हूं कि जो इस तरह के गैरजिम्मेदाराना कामों में शामिल थे – उन्हें देश के छात्रों, युवाओं और अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए।
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अब जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने से किया इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि नीट-यूजी 2024 में हजारीबाग और पटना में प्रश्न पत्र लीक हुआ, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए सामग्री का अभाव है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है या इसमें व्यवस्थागत खामी है।
कोर्ट ने यहां तक कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते हैं। कोर्ट के मुतबिक उसके द्वारा स्थापित सिद्धांतों के आधार पर पूरी नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का आदेश न्यायोचित नहीं होगा। वैसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश के संकेत पहली सुनवाई के दौरान ही दे दिए थे क्योंकि तब भी कहा गया था कि सबूत मिलना जरूरी है कि पूरे देश में पेपर लीक हुआ।
असल में सर्वोच्च अदालत का तर्क था कि अगर सिर्फ कुछ सेंटरों में गड़बड़ी हुई है, उसे पूरे देश के साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने उन दावों पर भी सवाल उठाए थे जहां कहा गया था कि 45 मिनट के अंदर में ही पेपर लीक भी हो गया और उसे सॉल्व भी कर लिया गया। अब कोर्ट ने उसी आधार पर कहा है कि फिर परीक्षा नहीं हो सकती है जिसे सरकार एक तरह से अपने लिए राहत देख रही है।