नीट पेपर लीक मामले को लेकर सड़क से लेकर सदन तक हंगामा जारी है। दिल्ली में गुरुवार को यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्रालय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया वहीं विपक्ष ने राज्यसभा और लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है। दूसरी तरफ CBI लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है। जानकारी के मुताबिक एजेंसी की रडार पर बिहार, झारखंड, कर्नाटक जैसे राज्यों में सॉल्वर गिरोह के 33 आरोपी हैं। इन सभी पर पहले भी फर्जीवाड़े के आरोप लगते रहे हैं। 

क्या जानकारी है? 

इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को बिहार में नीट-यूजी पेपर लीक मामले में पहली कार्रवाई की है।  जिसमें पटना से मनीष प्रकाश और आशुतोष नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि मनीष प्रकाश ने आशुतोष की मदद से कथित तौर पर नीट परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को बिहार के पटना में लर्न प्ले स्कूल से जुड़े लड़कों के छात्रावास में उम्मीदवारों को ठहराया था, जहां उन्हें लीक हुए पेपर और आंसर की  दी गई थी। सीबीआई मुखिया गिरोह के अन्य फरार सदस्यों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिन पर कई अंतरराज्यीय पेपर लीक की साजिश रचने का आरोप है।

पीटीआई के मुताबिक जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि मुखिया गिरोह ने लीक हुआ नीट-यूजी प्रश्नपत्र झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया था। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से आई सीबीआई की एक टीम ने बुधवार को पटना स्थित मकान के साथ-साथ मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु की आवासीय सोसायटी का भी दौरा किया। उन्होंने बताया कि गेस्ट हाउस को कथित तौर पर सिकंदर यादवेंदु के लिए एक व्यक्ति ने बुक किया था, जो कथित तौर पर बिहार के एक प्रमुख नेता से जुड़ा हुआ है।

एक सूत्र ने बताया, ‘जांच एजेंसी की टीम ने हजारीबाग के निजी स्कूल के प्रबंधन के एक वरिष्ठ सदस्य को भी हिरासत में लिया है। ईओयू ने अपनी जांच में यह भी पाया कि स्कूल को मिले प्रश्नपत्रों के बुकलेट बॉक्स से छेड़छाड़ की गई थी। स्कूल के राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) पर्यवेक्षक, केंद्र अधीक्षक और प्रधानाचार्य की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।’