Reliance Industries Limited (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मिडिल ईस्ट के साथ अपने कनेक्शन पर हाल ही में बात की थी।
अंग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट BloombergQuint की रिपोर्ट के मुताबिक, कतर इकनॉमिक फोरम नाम के कार्यक्रम में अंबानी से इस बारे (मिडिल ईस्ट से खास जुड़ाव है) में पूछा गया था। उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि मैं यमन में पैदा हुआ था, क्योंकि मेरे पिता धीरूभाई अंबानी युवा कारोबारी के तौर पर वहां गए थे।” मुकेश ने आगे बताया, “वह हमेशा कहा करते थे कि मुझमें अरब का खून है। भारत और सभी अरब देशों के बीच जो संबंध हैं, वे सदियों पुराने हैं।”
अंबानी की इसी टिप्पणी पर सोमवार (पांच जुलाई, 2021) को हिंदी समाचार चैनल NDTV India के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने फेसबुक पोस्ट कर तंज कसा। अंबानी के बयान को दिलचस्प बताते हुए लिखा, “अरबी रक्त की वही बात कर सकते हैं। किसी ऐंकर को हिचकी भी नहीं आएगी कि इस मुद्दे पर चर्चा कर लें। इस बात को विश्व गुरु भारत के आदर्शों के बैनर तले स्वीकार कर नजरअंदाज करना ही होगा”
पत्रकार ने टिप्पणी में यह भी कहा, “अरब के शेखों का पैसा रिलायंस में लग रहा है। उनका पैसा आते ही रिलायंस का अंतर्राष्ट्रीयकरण शुरू हो गया, जबकि शेखों के पैसे पवित्र हो गए। शेखों को कालाबाजार का गाना सुनना चाहिए। ये पैसा बोलता है, ये पैसा बोलता है।” दरअसल, अंबानी की कंपनी के बोर्ड में सऊदी अमारको के चेयरमैन और पीआईएफ के गवर्नर एच.ई.यासिर अल-रुमय्यन बतौर स्वतंत्र निदेशक जुड़ने वाले हैं। रवीश का यह बयान इसी संदर्भ में था।
उधर, पत्रकार के पोस्ट पर फैंस, फॉलोअर्स और अन्य फेसबुक यूजर्स ने भी अपनी राय दी। समीर शेखर नाम हैंडल के कहा गया- ऐसा लिखने पर आपके ऊपर प्रणय रॉय भी दवाब बना सकते हैं। बड़े उद्योगपतियों को छेड़ने पर आपका समूह आपको छेड़ सकता है। पर आपकी यही खूबसूरती है। आप डरते नहीं। लिखते रहिए।
राकेश त्रिपाठी ने पूछा, “शेखों का पैसा एनडीटीवी में क्यों नहीं आ रहा है…क्या उन्हें पता चल ही गया है कि एनडीटीवी “प्रेस्टीट्यूट” है इसका भविष्य बर्बाद है?” हरपाल भूरिया के अकाउंट से कमेंट किया गया- “‘रैबीज कुमार’ झूठा है। रिलायंस का पैसा सउदी अरब की सबसे बड़ी रिफाइनरी (आरामको) में लग रहा है। न कि अरब का पैसा रिलांयस में।” पंकज कांबले बोले, जीन-विज्ञान के लिहाज से मुकेश अंबानी का यह बयान गलत है…पर धंधा है और गंदा ये…यह साबित होता है।